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HRD मंत्रालय ने Guideline जारी कर बताया- किस क्लास के छात्रों की कितनी देर चलेंगी ऑनलाइन क्लासेज़
नई दिल्ली। देश भर में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच सबसे ज्यादा नुकसान छात्रों की पढ़ाई और उनके भविष्य का हो रहा है। कोरोना काल के दौरान जहां छात्र ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई (Online Study) करने को मजबूर हो गए हैं। वहीं वर्चुअल क्लासेस के दौरान छात्रों को कई तरह की समस्याओं और अलग तरह के दबाव का सामना करना पड़ रहा है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्रालय ने मंगलवार को स्कूल द्वारा ऑनलाइन क्लासेज़ (Online Classes) के लिए गाइडलाइन (Guideline) जारी कर दी है। इस गाइडलाइन में मंत्रालय की तरफ से यह स्पष्ट किया गया है कि किस क्लास के छात्रों को कितने देर के लिए ऑनलाइन क्लासेस में शामिल किया जा सकता है।
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कक्षा 1-8 के लिए 45-45 मिनट तक के 2 ऑनलाइन सेशन
Introducing 'PRAGYATA': Guidelines on #DigitalEducation for school heads, teachers, parents, and students containing recommended screen time for children, tips on coping with mental/physical stress during #DigitalLearning & more. Stay tuned for more details.#PRAGYATA pic.twitter.com/o1BkkhID7j
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 14, 2020
मंत्रालय की तरफ से जारी की गाइडलाइन में साफ किया गया है कि प्री-प्राइमरी छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं की अवधि 30 मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए। सरकार ने ‘प्रज्ञाता’ नामक दिशा-निर्देश जारी क़र बताया है कि कक्षा 1 से 8 के लिए, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 45 मिनट तक के दो ऑनलाइन सत्रों की सिफारिश की है, जबकि कक्षा 9 से 12 के लिए, 30-45 मिनट की अवधि के चार सत्रों की सिफारिश की गई है। नई गाइडलाइन जारी करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए, स्कूलों को न केवल अब तक पढ़ाने और सीखने के तरीके को फिर से तैयार करना होगा बल्कि घर पर स्कूली शिक्षा के एक अलग तरह के सिखाने के तरीके से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की एक उपयुक्त विधि भी प्रस्तुत करनी होगी। केन्द्रीय मंत्री ने आगे कहा कि दिशा-निर्देश उन छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बनाए गए हैं, जो घर पर हैं। ये दिशा-निर्देश उन बच्चों के लिए हैं, जो घर पर लॉकडाउन के कारण रह रहे हैं, उन्हें ऑनलाइन, मिश्रित, डिजिटल शिक्षा के जरिए सिखाने की कोशिश की जा रही है। डिजिटल शिक्षा पर तैयार ये दिशा-निर्देश ऑनलाइन शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए एक रोडमैप भी हैं।