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युवाओं के सपने हुए चकनाचूर, भविष्य है अंधकार में
जेओए-आईटी पेपर लीक मामले ने ऐसे कई सवाल छोड़ दिए हैं, जिन पर अब बहस छिड़ गई है। मसलन क्या यह धंधा पहले से ही चला आ रहा था? अगर ऐसा था, तो अब तक न जाने कितने होनहार बेरोजगार नौकरी से वंचित रह गए? कितने युवा ऐसे थे, जिन्होंने मेहनत के बूते भविष्य संवारने के सपने संजोए थे? ऐसे कितने अभ्यर्थी थे, जो बिना मेहनत किए जालसाजी कर नौकर हथियाने में कामयाब रहे? ऐसे कितने अभ्यर्थी रहे होंगे, जो एक या दो नंबर के चलते नौकरी पाने से वंचित रह गए?