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कोरोना से बच्चों को बचाने में Game Changer साबित होगी मेड इन इंडिया नेजल वैक्सीन- WHO वैज्ञानिक का दावा
Last Updated on May 23, 2021 by
कोरोना संक्रमण (Corona Infection)की दूसरी लहर के साथ-साथ तीसरी की भी आशंका जताई जा रही है। तीसरी लहर में बच्चों के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। इसी के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO Chief Scientist) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ( Soumya Swaminathan)का कहना है कि भारत में जो नोजल वैक्सीन (Nasal Vaccine)बन रही है, वह बच्चों के लिए गेम चेंजर (Game-Changer)साबित हो सकती है। अभी तक देश में नाक के जरिए दी जाने वाली वैक्सीन का परीक्षण चल रहा है। हालांकि इसके इस साल उपलब्ध होने की संभावना ना के बराबर बताई जा रही है।
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सीएनएन न्यूज 18 को दिए एक इंटरव्यू में बाल रोग विशेषज्ञ स्वामीनाथन ने कहा है कि भारत में बनने जा रही नाक के जरिए दी जाने वाली वैक्सीन (Made-in-India) बच्चों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है, इसे लगाना काफी आसान होगा। इसके साथ ही बच्चों (Children)की सांस की नली को प्रतिरक्षा प्रदान करेगी। इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि तब तक अधिक से अधिक वयस्कों विशेषकर शिक्षकों को टीकाकरण की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि जब कोरोना का सामुदायिक प्रसारण का जोखिम कम हो, तभी स्कूलों को खोला जाए। डब्ल्यूएचओ की वैज्ञानिक (WHO Scientist) का कहना है कि मुझे उम्मीद है कि आखिरकार हमारे पास बच्चों के लिए टीका होगा। लेकिन इस साल ऐसा नहीं होने जा रहा है और सामुदायिक प्रसारण कम होने पर हमें स्कूल खोलने चाहिए। दूसरे देशों ने बडी सावधानियों के साथ यही किया है। अगर शिक्षकों को टीका लगाया जाता है तो यह एक बड़ा कदम हो सकता है।