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Live: आत्मनिर्भर भारत पैकेज की दूसरी क़िस्त: वित्त मंत्री ने किए गरीब-मजदूर-किसान के लिए बड़े ऐलान
नई दिल्ली। भारत में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच केंद्र सरकार की तरफ से 20 लाख करोड़ रूपए के विशेष आर्थिक पैकेज का ऐलान किया गया है। बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस पैकेज के बारे में विस्तार से बताते हुए MSME सेक्टर के लिए बड़े ऐलान किए गए थे, जिसके बाद अब अन्य सेक्टर के लिए ऐलान किए जा रहे हैं। वित्त मंत्री ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आज का पैकेज पटरी-रेहड़ी कारोबारी, छोटे किसान, प्रवासी श्रमिकों से जुड़ा होगा।
25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए
वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि किसानों ने 4 लाख करोड़ रुपए का लोन लिया। इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम को बढ़ाकर 31 मई तक किया गया। 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं। सरकार लॉकडाउन में भी लगातार काम कर रही है। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि 2014 में मोदी जी ने अपने सबसे पहले भाषण में कहा था कि ये उनकी सरकार है जो गरीबों के लिए सोचे, गरीबों की सुने, गरीबों के लिए जिए इसलिए नई सरकार देश के गरीबों युवाओं और महिलाओं को समर्पित है। वित्त मंत्री ने बताया कि कोरोना के समय में 63 लाख लोन कृषि क्षेत्र के लिए मंजूर किए गए, यह राशि 86,600 करोड़ रुपए है।
राज्यों को आपदा फंड के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई
उन्होंने आगे बताया कि राज्यों को आपदा फंड के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई। शहरी गरीबों को 11 हजार करोड़ रुपए की मदद की गई। शहरी गरीबों के लिए भोजन और आवास मुहैया करवाया जा रहा है। शहरी इलाकों में रहने वाले बेघर लोगों को शेल्टर होम में तीन टाइम का खाना दिया जा रहा है। उनके लिए पैसे की भी व्यवस्था की गई है। वित्त मंत्री की तरफ से आगे बताया गया कि प्रवासी मजदूरों का ध्यान रखा जा रहा है। प्रवासी मजदूरों को मनरेगा में काम दिया जाएगा। 2.33 करोड़ प्रवासी मजदूरों को पंचायत में काम मिला। मनरेगा में 50 फीसदी तक आवेदन बढ़े हैं। दिहाड़ी को बढ़ाकर 202 रुपए किया गया।
अपने राज्यों में लौटे मजदूरों को काम दिया जाएगा
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि न्यूनतम मजदूरी का अधिकार सभी मजदूरों को देने की तैयारी है। इसी तरह न्यूनतम मजदूरी में क्षेत्रीय असमानता खत्म करने की योजना है। सभी मजदूरों के लिए सालाना हेल्थ चेकअप भी अनिवार्य करने की योजना है। ये सब अभी पाइपलाइन में है। संसद में इन पर विचार हो रहा है। उन्होंने कि श्रम कानून में सुधार पर काम किया जा रहा है. अपने राज्यों में लौटे मजदूरों को काम दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि हम न्यूनतम मजदूरी में भेदभाव को खत्म करेंगे। इसके साथ ही मजदूरों का सालाना हेल्थ चेकअप होगा।
वित्त मंत्री द्वारा किए गए अन्य प्रमुख ऐलान
- महिलाओं को अगर रात में काम करना पड़ता है तो उसके लिए सेफ्टी गार्ड अलग से तैनात होंगे।
- खतरनाक क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए ईएसआई जरूरी।
- सरकार क्रेडिट लिंक बेस्ड सब्सिडी स्कीम (एमआईजी) को मार्च 2021 तक बढ़ा रही है।
- रेहड़ी-पटरी वालों को मिलेगा लोन, 10,000 रुपये तक का कर्ज ले सकेंगे। 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को होगा फायदा।
- जिनके पास राशन कार्ड या कोई कार्ड नहीं है, उन्हें भी 5 किलो गेहूं, चावल और एक किलो चना की मदद। 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को इसका फायदा होगा। इसमें 3500 करोड़ रुपये का खर्च होगा। राज्य सरकारों के जरिए इस कारगर बनाया जाएगा। राज्यों के पास ही इन मजदूरों की जानकारी है। अगले दो महीने तक यह प्रक्रिया लागू रहेगी।
- वन नेशन-वन राशन कार्ड की योजना पर काम होगा। हर राज्य में यह लागू होगा। प्रवासी किसी भी राज्य के राशन डिपो से इस कार्ड की मदद से राशन ले सकता है।
- शहरी गरीब प्रवासियों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना किफायती किराये पर मकान की योजना शुरू करेगी।
- शिशु मुद्रा लोन में रिजर्व बैंक ने तीन महीने का मॉरिटोरियम दिया है, लेकिन इसके बाद समस्या हो सकती है तो शिशु मुद्रा लोन में 50,000 रुपये तक लोन लेने वाले को मॉरिटोरियम के बाद 2 फीसदी सबवेंशन स्कीम यानी ब्याज में छूट का फायदा अगले 12 महीने के लिए होगा। 3 करोड़ लोगों को इससे कुल 1500 करोड़ रुपये का फायदा होगा।
- मिडिल इनकम ग्रुप 6 से 18 लाख सालाना इनकम वालों को हाउसिंग लोन पर क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम मई 2017 में शुरू हुई है। इसे 31 मार्च 2020 तक बढ़ाया गया था। अब इसे बढ़ाकर मार्च 2021 तक किया गया।
- किसानों के लिए 30,000 करोड़ अतिरिक्त इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल फंड नाबार्ड को दिए जाएंगे। यह नाबार्ड को मिले 90 हजार करोड़ के पहले फंड के अतिरिक्त होगा और तत्काल जारी किया जाएगा।
- मिडिल इनकम ग्रुप जिनकी 6 से 18 लाख सालाना कमाई है, उन्हें मिलने वाली हाउसिंग लोन पर क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम की डेडलाइन मार्च 2021 तक बढ़ी। इसकी शुरुआत मई 2017 में हुई थी। सरकार के फैसले से 2.5 लाख परिवारों को मिलेगी राहत।
- न्यूनतम वेज का अधिकार सभी वर्कर्स को देने की तैयारी। इसी तरह न्यूनतम वेज में क्षेत्रीय असमानता खत्म करने की योजना। वहीं नियुक्ति पत्र भी दिया जाएगा।
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इससे पहले मंगलवार शाम को राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। पीएम ने कहा कि 20 लाख करोड़ रुपए का यह पैकेज ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को नई गति देगा। पीएम मोदी ने कहा था कि इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को, 20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा, सपोर्ट मिलेगा। 20 लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, 2020 में देश की विकास यात्रा को, आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए, इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ, सभी पर बल दिया गया है।