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सेना की मदद से आखिर 11 दिन बाद निकाला गया पोलैंड के पैराग्लाइडर का शव
धर्मशाला। बीड़-बिलिंग (Bir Billing) से पैराग्लाइडिंग (Paragliding) के बाद धौलाधार की ऊंची पहाड़ियों में लापता हुआ पोलैंड के पैराग्लाइडर आंद्रे कुलाविक का शव 11 दिन के बाद गुरुवार को सेना की मदद से लाया जा सका है। शव (Body) को बड़ी मुश्किल से पहाड़ के पास खतरनाक इलाके से निकाला गया है। शव को धर्मशाला लाया गया है। आंद्रे कुलाविक 23 अक्टूबर को कांगड़ा जिले के बैजनाथ की बीड़ से प्राइवेट सोलो फ्लाइंग (Private Solo Flying) पर निकले और धौलाधार की पहाड़ियों में लापता हो गए थे। उनके साथ फ्लाइंग करने वाले 3 अन्य साथियों को चॉपर (Chopper) की मदद से रेस्क्यू किया गया था, लेकिन आंद्रे कुलाविक का कोई सुराग नहीं मिल पाया। उनकी बेटी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल (Social Media Handle) के जरिये जब इस बात को उजागर किया तो पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए आंद्रे की खोजबीन शुरू की।
हेलीकॉप्टर और NDRF भी नाकाम रहे
स्थानीय पुलिस और निजी हेलीकॉप्टर भी अपने स्तर पर शव को तलाशने में नाकाम रहे तो वायुसेना (Indian Airforce) और NDRF की मदद ली गई। आंद्रे का ग्लाइडर धौलाधार की तलहटी वाली पहाड़ियों में नज़र आया, जब वहां रेस्क्यू टीम (Rescue Team) के सदस्यों को उतारा गया तो उन्हें वहां आंद्रे का शव भी मिल गया। क्योंकि ये इलाका समुद्रतल से 12 हज़ार फीट की ऊंचाई पर है और साथ ही बहुत ही ठंडा और संकीर्ण था।
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सेना की विशेष टुकड़ी ने शव को निकाला
कई दिन तक शव को निकालने की कोशिशें फेल हो गईं। ऐसे में भारतीय सेना की विशेष टुकड़ी की मदद ली गई, जिनका बेस कैंप खड़ौता में बनाया गया। वहां से NDRF के तीन और आर्मी के 5 सदस्यों ने 4 किलोमीटर के करीब बेहद खतरनाक ट्रैक (Dangerous Track) को पार कर शव को एयरलिफ्ट किया है। अब इसे आर्मी छावनी योल में रखवा दिया गया है।