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हिमाचल में कदमताल करता नजर आया टाइगर, सिंबलवाड़ा पार्क में लगे ट्रैप कैमरे में हुआ कैद
नाहन। देवभूमि हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में टाइगर की मौजूदगी की पुष्टि हो गई है। पांवटा साहिब घाटी के कर्नल शेर जंगल नेशनल पार्क में टाइगर की कदमताल हो रही है। हाल ही में 19 फरवरी को पार्क में लगे ट्रैप कैमरे में टाइगर की चहलकदमी कैद हुई है। लिहाजा अब तस्वीर पूरी तरह से साफ हो चुकी हैं कि पांवटा साहिब घाटी में टाइगर की कदमताल (Tiger Movement) शुरू हो चुकी है। दरअसल जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में सिंबलवाड़ा व इसके आसपास के क्षेत्र में टाइगर के फुट प्रिंट पाए गए थे। इसके बाद 12 फरवरी को भी जंबूखाला के समीप जंगल में टाइगर कैमरे में कैद हुआ था। 3 सेकंड का एक वीडियो (Video) बनाकर निजी कंपनी के एक कर्मचारी ने वन विभाग को सौंपा था।
सिरमौर जिला के पांवटा साहिब घाटी के कर्नल शेर जंगल नेशनल पार्क में कर रहा था कदमताल
टाइगर की दस्तक के यह दोनों मामले सामने आने के बाद वन विभाग ने मौके से फुट प्रिंट भी उठाए। साथ ही सिंबलवाड़ा के जंगल में ट्रैप कैमरे (Trap Camera) भी लगाए गए। इन्हीं में एक कैमरे में 19 फरवरी को टाइगर की तस्वीर कैद हुई है। वहीं जंबूखाला में उठाए गए फुटप्रिंट के अध्ययन के बाद भी इस बात की तस्दीक हो गई है कि यह फुटप्रिंट (Footprint) टाइगर के ही थे। संभावना व्यक्त की जा रही है कि फिलहाल टाइगर की मौजूदगी पांवटा घाटी के जंगलों ही हो सकती है। अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्तराखंड के राजा जी नेशनल पार्क से ही टाइगर यमुना नदी को पार करने के बाद हिमाचल की सीमा में दाखिल हुआ होगा।
Welcoming the King to our Jungle.
First record of #tiger at #simbalbaraNationalpark and first camera trap image of tiger recorded in #Himachal.Courtesy regular #wildlife monitoring by our staff led by Range Officer Sh Surender Singh. @CMOFFICEHP @moefcc @CentralIfs @IFS_HP pic.twitter.com/JTCSj33uUo
— Shimla Wildlife Division (@dfowlshimla) February 21, 2023
दूसरी तरफ वन्य प्राणी विभाग शिमला के डीएफओ (DFO Shimla) रवि शंकर शर्मा ने पुष्टि करते हुए बताया कि टाइगर की मौजूदगी की संभावना के बाद सिंबलवाड़ा पार्क में कुछ ट्रैप कैमरे इंस्टॉल किए गए थे। 19 फरवरी की रात को एक ट्रैप कैमरे में टाइगर नजर आया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में टाइगर की चहलकदमी होना बहुत अच्छे संकेत है। वहीं वन विभाग के पांवटा साहिब डीएफओ ऐश्वर्य राज ने भी इस बात की पुष्टि की है कि जंबूखाला से उठाए गए फुट प्रिंट का अध्ययन करने के बाद यह टाइगर के ही फुटप्रिंट पाए गए हैं।