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ट्रक ऑपरेटरों के सब्र का टूटने लगा बांध, कहा- उग्र आंदोलन को ना करें विवश
बिलासपुर। हिमाचल में सीमेंट कंपनियों (Cement Companies) पर लगे ताले का मुद्दा गहराने लगा है। इन सीमेंट कंपनियों के सहारे चल रहा सैंकड़ों लोगों का रोजगार भी खतरे में पड़ गया है। यही हाल ट्रक ऑपरेटरों (Truck Operator) का भी है। बरमाणा में स्थित एसीसी सीमेंट प्लांट को अनिश्चित काल के लिए बंद करने के आदेश से ट्रक ऑपरेटरों चिंता में डूब गए हैं। पिछले चार दिन से सीमेंट फैक्टरी में ताला लगा हुआ है। जिससे ट्रक ऑपरेटरों को रोजी रोटी की चिंता सताने लगी है। समस्या के समाधान को लेकर लगातार बैठकों का दौर जारी है, लेकिन अभी कोई स्थाई हल नहीं निकल पाया है। वहीं, समस्या का हल ना होता देख ट्रक ऑपरेटरों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। शनिवार को सैंकड़ों ट्रक ऑपरेटरों ने बीडीटीएस के पुकार हॉल में एकत्रित होकर एसीसी प्रबंधन (ACC Management) के खिलाफ आवाज बुलंद की। यहां से एसीसी प्लांट के गेट तक विशाल रोष रैली (Rally) भी निकाली गई। जिसमें कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
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रैली में महिलाएं और बुजुर्ग भी हुए शामिल
इस रैली में महिलाओं व बुजुर्गों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। गेट के बाहर विभिन्न वक्ताओं ने ट्रक ऑपरेटरों को संबोधित करते हुए कंपनी व सरकार के समक्ष मांग रखी कि जल्द से जल्द समस्या का हल निकाला जाए। साथ ही ट्रक ऑपरेटर्स ने चेतावनी (Warning) दी है कि यदि इस मुद्दे को लेकर जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया गया, तो ट्रक ऑपरेटर उग्र आंदोलन करने के लिए विवश होंगे। उधर, तनावपूर्ण स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस टीम भी मौके पर मौजूद रही। बता दें कि शांतिपूर्ण माहौल को बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने यहां 100 पुलिस कर्मियों की तैनाती की है।
4 हजार के करीब ट्रकों के थमे हैं पहिये
बता दें कि चार दिन पूर्व एसीसी कंपनी के माध्यम से बरमाणा में स्थित सीमेंट प्लांट (Cement Plant) को बंद करने के निर्देश जारी हुए हैं। घाटे का हवाला देकर कंपनी ने सभी कर्मचारियों को प्लांट में आने से मना कर दिया है। कंपनी का कहना है कि आगामी आदेशों तक प्लांट बंद रहेगा। कंपनी के इस निर्णय के बाद ट्रक ऑपरेटरों में खलबली मच गई है। करीब 15 हजार से अधिक परिवारों की रोजी रोटी पर संकट छा गया है। इस प्लांट में करीब 980 कर्मचारी कार्य करते हैं और करीब 3800 ट्रक ढुलाई का काम करते हैं। इनमें 2300 के करीब ट्रक बीडीटीएस व 1500 ट्रक पूर्व सैनिकों के शामिल हैं। वहीं, 530 कर्मचारी नियमित व 450 कर्मचारी ठेके पर रखे गए हैं।
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