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अंडरवर्ल्ड Don से सामाजिक कार्यकर्ता बने एन मुथप्पा राय का Cancer से निधन, मरते-मरते कही ये बात
नई दिल्ली। कुछ वर्षों से सामाजिक कार्यों में जुटे पूर्व अंडरवर्ल्ड डॉन मुथप्पा राय (N Muthappa Rai) की लंबे समय तक मस्तिष्क के कैंसर (Brain Cancer) से जूझने के बाद शुक्रवार को मौत हो गई। 68-वर्षीय राय को 2002 में संयुक्त अरब अमीरात से बेंगलुरु लाया गया था जहां उसके खिलाफ कई केस चले थे। बाद में उसे सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। मुथप्पा पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे और मणिपाल अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। उनकी देर रात 1:43 बजे मौत हो गई। राय के दो बेटे हैं।
मरते-मरते कहा- सच्चा देशभक्त हूं
अंतिम सांस लेते वक्त मुथप्पा राय ने कहा कि वह एक सच्चे देशभक्त हैं। मुथप्पा ने 30 साल तक डॉन (Don) के रूप में बेंगलुरु पर राज किया। वह केंद्रीय जांच एजेंसियों के रडार पर भी थे। दक्षिण कन्नड़ के पुत्तूर शहर में तुलु भाषी बन्त परिवार में जन्मे राय ने बहुत कम उम्र में ही अपराध की दुनिया में एंट्री कर ली थी। राय, कॉमर्स से ग्रेजुएट थे। एक बैंक अधिकारी के रूप में करियर की शुरूआत करने वाले मुथप्पा की छवि बाकी डॉन के मुकाबले बिल्कुल अलग थी। कर्नाटक पुलिस ने राय के खिलाफ हत्या और साजिश समेत आठ मामलों में गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे।
दो फिल्मों में किया अभिनय, लेकिन राजनीति की दुनिया में नहीं रखे कदम
2002 में राय को संयुक्त अरब अमीरात ने भारत को सौंप दिया था। उसके बाद काफी जांच एजेंसियों ने उनसे पूछताछ की थी जिसमें सीबीआई, रॉ और आई तथा कर्नाटक पुलिस जैसे एजेंसियां शामिल रही। बाद में सबूतों की कमी के कारण उसे बरी कर दिया गया था। अपने जीवन को सुधारने के प्रयास में राय ने एक परमार्थ संगठन ‘जय कर्नाटक’ की स्थापना की थी। राय ने 2011 में तुलु फिल्म ‘कांचिल्डा बाले’ और 2012 में कन्नड़ फिल्म ‘कटारी वीरा सुरसुंदरंगी’ में अभिनय किया था। हालांकि, राजनीतिक मैदान में उतरने की काफी चर्चा रही पर वे राजनीति में उतर नहीं पाए।