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एचपीसीए के लिए खेलने का मौका दिलाने के बहाने यूपी के क्रिकेटर से हुई लाखों की ठगी
नई दिल्ली/धर्मशाला। गुरुग्राम पुलिस ने एक क्रिकेट खिलाड़ी को हिमाचल प्रदेश क्रिकेट अकादमी (एचपीसीए) से खेलने का मौका दिलाने के बहाने 10 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। प्राथमिकी के अनुसार, राज राजपूत, अमित, आशुतोष बोरा, चित्रा बोरा और पुष्कर तिवारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी, 419, 420, 465, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में उत्तर प्रदेश के जालौन के स्थायी निवासी अंशुल राज ने आरोप लगाया कि ये लोग युवा क्रिकेटरों को क्रिकेट की दुनिया में कुछ बड़ा करने का प्रलोभन देते थे।
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अंशुल राज का आरोप है कि 2018 में वह गुरुग्राम में एक क्रिकेट अकादमी में दीपक नाम के एक व्यक्ति मिला। इसके बाद दीपक ने उसे राज राजपूत के साथ मिलवाया। राजपूत उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए खेलने के लिए एसडीसीएम क्रिकेट अकादमी चलाता था। राजपूत ने अंशुल को एक लाख रुपये देने को कहा। इसके बाद अंशुल राज ने 70,000 रुपये नकद और 30,000 रुपये राजपूत के बताए बैंक खाते में जमा किए।अंशुल का कहना है कि राजपूत ने अमित के साथ अंशुल की मीचिंग व्यवस्था की, जो एसडीसीएम क्रिकेट अकादमी में एक कोच और क्रिकेट खिलाड़ी थे।इसके बाद अंशुल के पत्र दिखाया जिसमें लिखा था कि उसे हिमाचल प्रदेश के लिए राज्य स्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए खेलने के लिए चुना गया है, लेकिन उसे इसके लिए 10 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। साथ ही सीके नायडू ट्रॉफी टूर्नामेंट में टीम का नेतृत्व करने के लिए हिमाचल सीनियर स्टेट अंडर 23 क्रिकेट टीम के लिए खेलने के लिए 4 जनवरी, 2019 का पत्र भी दिखाया गया था।
अंशुल राज के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता जयकुश हूण का कहना है कि पत्र पर एचपीसीए की मुहर और सचिव के हस्ताक्षर थे आरोपी ने फिर उस पर ठेका कराने के लिए 10 लाख रुपये देने का दबाव बनाया। हूण ने कहा कि अंशुल राज ने अन्य आरोपी चित्रा बोरा और पुष्कर तिवारी के साथ मीटिंग की, जिन्होंने उसे आशुतोष बोरा से मिलने के लिए राजी किया। बैठक के दौरान अंशुल स्पष्ट कर दिया कि वह 10 लाख रुपये का भुगतान करने में असमर्थ होगा, लेकिन फिर उन्होंने उसके पिता को राशि का भुगतान करने के लिए राजी किया। 9 जनवरी, 2020 को अंशुल की ओर से गल्फ सॉल्यूशंस एंटरप्राइजेज के बैंक खाते में 2.5 लाख रुपये का भुगतान किया और फिर 13 जनवरी, 2020 को उसी बैंक खाते में 2.5 लाख रुपये के अन्य लेनदेन और 12 फरवरी को 3 लाख रुपये हस्तांतरित किए गए। बैंक खाते में राशि ट्रांसफर करने के बाद अंशुल राज को 4 फरवरी, 2020 को हिमाचल प्रदेश बुलाया गया, जहां उन्हें बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) की ओर से पीएमओए कार्ड के साथ एचपीसीए क्रिकेट किट और ड्रेस दी गई। पीएमओए कार्ड खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों को स्टेडियम में और ड्रेसिंग रूम में प्रवेश देने के लिए दिया जाता है। जब पीएमओए कार्ड के बारे में पूछताछ की तो आरोपियों का कहना है कि राज्य क्रिकेट बोर्ड भी अपने खिलाड़ियों को यही कार्ड जारी कर सकते हैं। हालांकि, अंशुल राज को एचपीसीए के मैचों से दूर रखा गया, क्योंकि आशुतोष बोरा का कहना था कि राज्य के खिलाड़ियों को दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों से आपत्ति है और एचपीसीए भ्रष्टाचार निरोधक प्रकोष्ठ इस मामले की जांच कर रहा है।वकील हूण ने यह भी आरोप लगाया कि मामले में नामित आरोपियों के साथ अंशुल राज के नियमित फॉलोअप के बाद उन्हें उनसे 5 लाख रुपये का कानूनी नोटिस भेजा गया था।
उधर एचपीसीए के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि उन्हें गुरुग्राम पुलिस से अंशुल राज को जारी पत्र के संबंध में पूछताछ मिली है और हमने उन्हें जवाब दिया है कि एचपीसीए द्वारा उन्हें ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया गया था। जब अधिकारियों को पत्र और अन्य अनुबंधों की जांच के लिए भेजा गया था, तो आधिकारिक तौर पर यह स्पष्ट किया गया था कि वे जाली थे और उक्त खेल कंपनी किसी भी राज्य क्रिकेट संघ द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। संपर्क करने पर बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
–आईएएनएस
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