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बारिश के मौसम में भी शिमला इसलिए रहेगा प्यासा, जानिए मेयर ने क्या कहा
शिमला। हिमाचल में पहाड़ों की रानी शिमला (Queen Of The hills Shimla) इस साल जोरदार बारिश के बाद भी प्यासा ही रहेगा। वजह है, शहर को मिलने वाले जलस्रोतों में सिल्ट (Silt) यानी गाद का भर जाना। गिरी और गुम्मा परियोजना में पंपिंग पूरी तरह से ठप है। इसके अलावा चाबा पेयजल परियोजना काफी प्रभावित हुई है। इस परियोजना में पंप हाउस जलमग्न हो गया है। कई जगह पानी की पाइप पर भी क्षतिग्रस्त हो गई है। शुक्रवार को नगर निगम मेयर सुरेंद्र चौहान ने अधिकारियों के साथ एक बैठक की और लोगों को पानी की सुचारू आपूर्ति करने के निर्देश दिए।
शिमला के हिस्से में आ रहा है आधा पानी
शिमला शहर को रोजाना 50 एमएलडी पानी चाहिए, लेकिन बारिश से पहले मिल रहा था 40 से 45 एमएलडी। बारिश के कारण जलस्रोतों में सिल्ट भर जाने से पानी की आपूर्ति 25 से 30 एमएलडी ही रह गई है। यही वजह है कि शहर के कई हिस्सों में तीन से चार दिन में एक बार पानी आ रहा है।
24X7 जलापूर्ति के लिए दो साल और इंतजार
शहर में पानी लाने वाली पेयजल परियोजनाओं में भारी गाद आ गई है। इसके चलते पंपिंग बंद रखी गई है। भारी बारिश के चलते जलापूर्ति परियोजनाओं को भी नुकसान पहुंचा है। पेयजल परियोजनाओं (Drinking Water Projects) से गाद निकालने का कार्य जोरों पर चला हुआ है। मेयर सुरेंद्र चौहान (Shimla Mayor Surendra Chauhan) ने कहा कि सिल्ट की समस्या जल्द ही सुलझा ली जाएगी। लेकिन शिमला वासियों को 2024-25 यानी अगले दो साल चौबीसों घंटे पानी की उपलब्धता के लिए इंतजार करना होगा। अभी इसके लिए सतलुज से पानी उठाने के साथ नये टैंक बनाए जा रहे हैं।
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