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हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश के एनआईटी हमीरपुर की सेनेट ने नई शिक्षा नीति-2020 के लागू करने के लिए कदम बढ़ा दिए है । हाल ही संपन्न हुई एनआईटी की बीओजी की बैठक में इस संदर्भ में रोड मैप तैयार किया गया है। एनआईटी के डायरेक्टर प्रो ललित अवस्थी ने बताया कि संस्थान में एकाधिक निकास व एकाधिक प्रवेश (मल्टीपल एक्जिट एंड मल्टीपल एंट्री) प्रणाली शुरू करने वाला देश का पहला एनआईटी बन गया है। इस प्रणाली के तहत इंजीनियरिंग या आर्किटेक्चर का कोई विद्यार्थी अगर बीच में पढ़ाई छोड़ता है तो उसे प्राप्त क्रेडिट के हिसाब से सर्टिफिकेट और डिप्लोमा मिलेगा। उन्होंने बताया कि अगर कोई विद्यार्थी बीटेक करते पढ़ाई पूरी नहीं कर पाता है तो वह भविष्य में कारण प्रस्तुत कर आवेदन करने के बाद डिग्री की पढ़ाई पूरी कर सकता है। संस्थान में अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट की स्थापना होगी। एनआईटी हमीरपुर के शैक्षणिक पाठ्यक्रमों को अधिक बहुआयामी बनाने के लिए अपने यहां मल्टीपल एक्जिट एंड मल्टीपल एंट्री की नीति को संस्थान की सीनेट ने हाल ही में हुई 34वीं बैठक में कार्यान्वयन के लिए स्वीकृति दी है। प्रो. ललित अवस्थी ने बताया कि दोहरी डिग्री के छात्रों के लिए भी अतिरिक्त विकल्पों का प्रावधान है। बीटेक के तृतीय वर्ष के छात्र दोहरी डिग्री के लिए आवेदन कर सकते हैं। चतुर्थ वर्ष की शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात केवल एक ही वर्ष में एमटेक की उपाधि ले सकते हैं। दोहरी डिग्री में नामांकन छठे सेमेस्टर की सीजीपीई एवं दोहरी डिग्री में उपलब्ध सीटों की संख्या के आधार पर किया जाएगा। एनआईटी हमीरपुर के कार्यकारी निदेशक प्रो. ललित अवस्थी ने बताया कि कोविड-19 के दौर में संस्थान में एक संपूर्ण डिजिटल क्रांति लाई गई। वर्तमान में 28 अनुसंधान परियोजनाएं चालू वित्त वर्ष यानी 2020-21 में चल रही हैं।
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