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मंडी। एनआईटी हमीरपुर के दो छात्रों की शिकारी देवी में हुई मौत के लिए परिजनों ने एनआईटी प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मृतक नवनीत के पिता सुरेंद्र कुमार का कहना है कि जब उन्हें अपने बच्चों की कोई खैर खबर नहीं मिली तो वह उनकी तलाश में एनआईटी हमीरपुर पहुंचे जहां पर प्रबंधन को भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। प्रबंधन का कहना था कि अगर कोई बच्चा 21 दिनों तक कक्षा में नहीं आता तो फिर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाने का प्रावधान था। कुछ छात्रों ने फेसबुक के आधार पर बताया कि अक्षय और नवनीत शिकारी देवी गए हैं, जिसके बाद ही बच्चों की तलाशी अभियान को शुरू किया जा सका।
वहीं मृतक अक्षय के चाचा देव राज का कहना है कि शिकारी देवी की तरफ जाने वाले रास्ते पर काई चेतावनी बोर्ड या कर्मी तैनात नहीं थे। अगर बच्चों को सख्ती से रोका जाता तो शायद बच्चे आगे न जाते। इन्होंने मांग उठाई है कि एनआईटी में बच्चों के आने-जाने की जानकारी परिजनों को देने का प्रावधान किया जाए और शिकारी देवी जैसे इलाकों में चेतावनी बोर्ड लगाने के साथ ही होमगार्ड के जवान भी तैनात किए जाएं। वहीं मृतक के परिजनों ने जंजैहली में प्रशासन और स्थानीय लोगों की तरफ से मिली मदद के लिए सभी का आभार भी जताया है। मृतक अक्षय के पिता देश राज ने बताया कि स्थानीय लोगों ने अपनी जान की परवाह किए बीना उनके बच्चों को ढूंढा, जोकि बड़ी बात है। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने सर्च ऑपरेशन को अपना काम समझकर किया, जिसे वह कभी नहीं भुला सकते। वहीं रविवार को दोनों मृतक छात्रों के शवों का सुंदरनगर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम करवाने के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिए गए।
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