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नई दिल्ली। बहुचर्चित निठारी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने व्यवसायी मनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई है। जाहिर है कि पंढेर अब तक जमानत पर बाहर था। नोएडा के निठारी में अपहरण, बलात्कार और हत्या के कई मामलों में से 8वें केस (पिंकी सरकार ) में यह सजा सुनाई गई है। दोनों को एक 20 वर्षीय युवती के अपहरण, हत्या और बलात्कार तथा आपराधिक साजिश रचने का दोषी करार दिया गया था। सीबीआई ने 29 दिसंबर, 2006 को यह मामला दर्ज किया था और यह निठारी कांड में दर्ज आठवां मामला है। फैसला सुनाए जाने के वक्त कोली और पंढेर अदालत में ही मौजूद थे।
साल 2006 में निठारी स्थित कोठी नंबर D-5 के बाहर उस वक्त सैकड़ों लोग जमा हो गए, जब कोठी के पीछे स्थित नाले से कई कंकाल और खोपड़ियां मिलने लगीं। इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे भी हुए थे। इस मामले में कोठी के मालिक मनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली आरोपी थे। निठारी पुलिस लगातार लापता हो रहे बच्चों को लेकर पहले से ही परेशान थी और पुलिस ने 29 दिसंबर, 2006 को निठारी कांड का खुलासा करते हुए कोठी नंबर D-5 से मनिंदर सिंह और उनके नौकर सुरेंद्र को गिरफ्तार किया था। इस दौरान पुलिस ने कोठी से बच्चों की चप्पल, कपड़े और बाकी सामान बरामद किया था। इस खुलासे के बाद लापता लोगों के परिजन भी कोठी नंबर D-5 पहुंचे और वहां से मिले कपड़ों की पहचान की। लोगों का गुस्सा बढ़ते देखकर यूपी सरकार ने इस केस को सीबीआई को सौंपने का फैसला कर लिया था। सीबीआई ने 46 गवाहों को पेश करके उनके बयान दर्ज कराए जबकि बचाव पक्ष की तरफ से केवल 3 गवाह ही पेश किए गए। बता दें कि इस अपराध के दोषी सुरेंद्र कोली को अभी तक 7 मामलों में फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है।
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