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ऊना। हिमाचल प्रदेश की पर्यटन क्षमता का सही तरीके से दोहन नहीं हो सका है। यहां तक कि प्रदेश में पर्यटन को लेकर कोई ठोस नीति तक नहीं बनाई गई है। यह शब्द भारत सरकार के लघु उद्योग मंत्रालय में सूक्ष्म, मध्यम व लघु उद्योग राष्ट्रीय बोर्ड के सदस्य राजेश शर्मा ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान कहे। उन्होंने कहा कि हिमाचल अपने आप में पर्यटन का ब्रांड है, इसे देश व विदेश में बेहतर ढंग से प्रस्तुत करने की नीति होनी चाहिए। राजेश ने कहा कि पर्यटन क्षेत्रों में सफाई, सुरक्षा व मंहगाई जैसी मुख्य बातों पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल में यदि सस्ती दरों पर हेलीकॉप्टर से पर्यटन व धार्मिक क्षेत्रों की यात्रा का खाका तैयार किया जाए, तो यह सोने पर सुहागा हो सकता है। राजेश शर्मा ने कहा कि हिमाचल पर देवताओं की कृपा है और प्रदेश की खूबसूरती को हेलीकॉप्टर से दिखाने के लिए तीन से चार जगहों को चिन्हित किया जाना चाहिए। राजेश शर्मा ने कहा कि हिमाचल में खेती को लेकर भी नीति में बदलाव होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से मजबूत बनाने वाली कृषि को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। राजेश शर्मा ने कहा कि हिमाचल को लेकर प्रधानमंत्री को भी एक प्रस्ताव मैंने भेजा है, जिसमें कृषि के लिए हींग, दालचीनी, कॉफी व अंजीर की खेती को लेकर किसानों को प्रोत्साहन देने के बारे में कहा गया है। उन्होंने कहा कि यदि यह खेती शुरू होती है, तो किसानों की दिन अच्छे आएंगे।
राजेश शर्मा ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की सकारात्मक सोच के चलते आज भारत का विश्वभर में नाम हुआ है। राजेश शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार की सोच है कि बेरोजगारों युवाओं को स्वरोजगार के प्रति प्रेरित जाए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सूक्ष्म, मध्यम व लघू उद्योग मंत्रालय द्वारा इसके लिए विशेष योजनाएं भी चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक पंजीकरण के आधार पर बेरोजगार युवाओं को उद्योग स्थापित करने के लिए 10 करोड़ रुपए तक का ऋण मुहैया करवाया जा रहा है।
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