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सुंदरनगर। कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन ( Kiratpur-Nerchowk Fourlane)के तहत तहसील सुंदरनगर में सड़क निर्माण कर रही सीगल इंडिया लिमिटेड ( Seagull India Limited) कंपनी में बाहरी राज्यों से आए प्रवासी श्रमिकों, कर्मचारियों, अधिकारियों सहित काम में मशीनें, गाडि़यां लगी हुई हैं, लेकिन पुलिस के पास उक्त लोगों के बारे में कोई भी लिखित रूप से जानकारी नहीं है। न तो पुलिस थाना में इन लोगों का पंजीकरण किया गया है और न ही कोई रिकॉर्ड तैयार किया गया है। इस बात को लेकर फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति ने डीएसपी सुंदरनगर पुलिस थाना प्रभारी सुंदरनगर की एसपी मंडी से शिकायत की है। फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति के अध्यक्ष मदनलाल ने बताया की समिति ने एसपी से शिकायत कर आग्रह किया है कि सुंदरनगर में लगी सीगल इंडिया लिमिटेड कंपनी जिसमें बाहरी राज्यों से आए प्रवासी श्रमिकों, कर्मचारियों, अधिकारियों के रूप में काम कर रहे हैं। सबके नाम, पते, मोबाइल नंबर उपलब्ध करवाए जाएं तथा साथ में सड़क निर्माण में जो मशीनें तथा गाडि़यां लगी हैं। सबके नंबर सहित जानकारियों को उपलब्ध करवाया जाए।
उन्होंने बताया कि इस तरह के दस्तावेजों की तैयारी पहले भी पुलिस विभाग में एसडीएम , पुलिस, नैना देवी स्थित स्वारघाट व प्रभारी थाना स्वारघाट द्वारा उपलब्ध करवाई गई है, लेकिन सुंदरनगर पुलिस ने अधूरी जानकारी दी है, जिस पर दोनों अधिकारियों पर उचित कार्रवाई की जाए। गौरतलब है कि कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन निर्माण में लगी कंपनी के कार्य में लगे बाहरी राज्यों से आए प्रवासी श्रमिकों कर्मचारियों, अधिकारियों की फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति ने दो फरवरी को तहसील सुंदरनगर जिला मंडी के एसडीएम, पुलिस तथा प्रभारी थाना सुंदरनगर से नाम पते मोबाइल नंबर तथा सड़क निर्माण में लगी सभी छोटी-बड़ी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर व जिस रजिस्टर में इन्हें दर्ज किया है। उस रजिस्टर के पृष्ठों की छायाप्रतियों की मांग की थी। इसके अलावा प्रवासी श्रमिकों, कर्मचारियों, अधिकारियों के मेडिकल व उनके रहने वाले स्थानों, कैंपों सबलेट पर ठेकेदारों को दिए गए काम पर उन ठेकेदारों के नाम, पते, श्रमिकों को जारी किए पहचान पत्रों आदि जानकारियों को मांगा गया था, लेकिन उपरोक्त अधिकारियों ने यह जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया, जबकि बाहरी राज्यों से आए प्रवासी श्रमिकों कर्मचारियों अधिकारियों का राज्य के जिलों के लोकल पुलिस थानों में पंजीकृत होना अनिवार्य है।
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