- Advertisement -
हमीरपुर। आजादी के सत्तर साल बाद भले ही प्रदेश में आई सरकारें हर गांव को सड़क से जोड़ने के दावे करती हों, लेकिन हमीरपुर (Hamirpur) जिला का एक गांव ऐसा भी है, जहां के लोग आज भी काला पानी जैसा जीवन जी रहे हैं। इस गांव में सड़क सुविधा तो दूर की बात पैदल चलने तक का रास्ता नहीं है। यह गांव भोरंज उपमंडल के तहत पड़ने वाली ग्राम पंचायत नंधन का कसियाना गांव है। इस गांव से सड़क करीब डेढ़ किलोमीटर दूर है और यह डेढ़ किलोमीटर का रास्ता बेहद संकरा है। वहीं पहाड़ों और खड्ड से होकर गुजरने वाले इस रास्ते पर हर समय किसी अनहोनी का डर लगा रहता है। ग्रामीणों (Villagers) का कहना है कि पैदल रास्ते के दोनों और करीब 100 फीट खाई है, जिसमें हर समय जान जोखिम में डालकर चलना पड़ता है।
हालांकि कसियाना गांव के बाशिदों ने सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) से लेकर डीसी हमीरपुर तक पैदल रास्ते और खड्ड में एक फुट ब्रिज बनाने की गुहार लगाई लेकिन आज तक किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते ग्रामीणों में खासा रोष है। ग्रामीणों हेम राज, सोमा देवी और वार्ड सदस्य सरदारनी ने बताया कि ग्रामीणों ने जनमंच (Janmanch) में भी अपनी मांगों को रखा, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। कसियाना गांव में बीमार हुए लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बीमारी की हालत में बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं को इलाज के लिए गंतव्य तक पहुंचाना आफत से कम नहीं है। ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन से उनके गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की गुहार लगाई है।
- Advertisement -