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नूरपुर। स्कूल बस हादसे को हुए पांच महीने हो गए हैं। इसी को लेकर आज बच्चों के परिजन बस हादसे वाली जगह पर एकत्रित हुए और नन्हें मासूम आंगन के फूलों को फूल अर्पित किए। इस समय हर आंख गमगीन रही। विशेषकर हादसे की जगह को देखकर हर जख्म ताजा हो गया। परिजन अभी तक विश्वास नहीं कर पार रहे हैं कि उनके जिगर के टुकड़े अब इस दुनियां में नहीं हैं। गौरतलब है कि नौ अप्रैल को घटे इस दर्दनाक बस हादसे में चौबीस बच्चों के साथ 28 लोगों की मौत हो गई थी और इस दर्दनाक हादसे में प्रदेश के साथ पूरे देश को हिला कर रख दिया था।
आज इस श्रद्धांजलि के अवसर पर प्रमुख समाजसेवी संजय शर्मा भी उपस्थित रहे और उन्होंने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए। जहां परिजनों को अपने आंगन सुने होने का दुःख है, वहीं पांच महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक दुर्घटना की जांच ना होने पर भी सिस्टम के खिलाफ रोष है। इन परिजनों की माने तो सिर्फ इतना पता है कि दुर्घटना हुई और उन्होंने अपने बच्चों को खोया लेकिन यह घटना कैसे घटी और इसके पीछे क्या कारण रहे यह आज तक भी एक यक्ष प्रश्न बनकर उनके सामने खड़ा है।
उन्होंने सरकारों को कोसते हुए कहा कि बड़े-बड़े नेता इस घटना स्थल पर पहुंचे थे और उन्होंने कई वादे किए कि वो इस घटना की जांच करवाकर दोषियों को सजा देकर बच्चों को न्याय दिलाएंगे, लेकिन आज पांच महीने बीत जाने के बात भी परिणाम वही ढ़ाक के तीन पात रहा है। अपने दोनों बच्चों को खो चुकी मां कुसुमलता की माने तो बच्चे ही माता-पिता के जीने का सहारा होते है, लेकिन वो अपने दोनों बच्चों को खो चुकी हैं। उसका कहना है कि इन बच्चों की आत्मा को भी तभी शांति मिलेगी, जब दोषियों को सजा मिलेगी। वहीं, समाजसेवी संजय शर्मा जो बेबस, मजबूर लोगों की सहायता के लिए हमेशा जाने जाते है उन्होंने परिजनों से वादा किया कि वो उन्हें न्याय दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।
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