- Advertisement -
धर्मशाला। प्रदेश सरकार द्वारा धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाए जाने को लेकर सांसद शांता कुमार ने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। धर्मशाला में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान शांता कुमार ने कहा कि इस दूसरी राजधानी का प्रारूप क्या होगा इस बारे में सरकार को ही पता नहीं है तो इस पर टिप्पणी भी क्या करनी। उन्होंने कहा कि वह इस घोषणा को टिप्पणी करने लायक भी नहीं समझते। शांता कुमार ने कहा कि सीएम वीरभद्र सिंह ने दूसरी राजधानी बनाने की घोषणा तो की, लेकिन इसका प्रारूप किसी को समझ नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि 1966 में पंजाब री ओर्गेनाईजेंशन एक्ट बनाया गया था, जिसके तहत हिमाचल एक अलग राज्य बनाया गया। इसमें शिमला को हिमाचल की राजधानी बनाया गया था, सरकार बताए कि क्या अब उस एक्ट में संशोधन किया जाएगा। क्या धर्मशाला में सभी विभागों के सचिवालय पूरा वर्ष रहेंगे या मात्र 6 महीने के लिए।
शांता कुमार ने कहा कि केंद्र ने धर्मशाला को स्मार्ट सिटी के तौर पर चुना, लेकिन स्मार्ट सिटी के तहत हो रहे कार्यों में धर्मशाला पूरे भारत में पिछड़ गया है। धर्मशाला की परफारमेंस अन्य स्मार्ट सिटीज़ के मुकाबले काफी कमजोर है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 186 करोड़ रुपए जारी कर दिए है और प्रदेश सरकार ने मात्र 20 करोड़ रुपए ही इस काम के लिए जारी किए हैं, जबकि यह 50:50 के अनुपात में होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सरकार से चंबा में सीमेंट उद्योग खोलने की मांग की गई जिससे वहां के लोगों को रोजगार के साथ उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरती। लेकिन, प्रदेश सरकार मुख्य मुद्दो से ओझल होते हुए हवाई घोषणाएं करने में लगी है। सांसद शांता कुमार ने आज जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति ‘दिशा’ की बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाएं दिशाहीन है और जो काम करना चाहिए था वह किया नहीं। उन्होंने कहा कि चुनावों के आते ही ऐसी बातें की जाती हैं जो सिर्फ दिखावे के लिए। इस दौरान उनके साथ किशन कपूर, कृपाल परमार, हिमांशु मिश्रा, राकेश शर्मा, संजय शर्मा सहित अन्य लोग मौजूद थे। बीजेपी के सत्ता में आने के बाद क्या धर्मशाला को राजधानी बनाने की अधिसूचना रद की जाएगी से सम्बंधित सवाल पर शांता का कहना था कि यह बीजेपी की सरकार बनने के बाद तय किया जाएगा।
ओबीसी वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष चौधरी चंद्र कुमार के आरोप पर शांता कुमार ने कहा कि चंद्र ही बता दें कि मेरी जमीन है कहां ताकि मैं भी मालामाल हो सकूं। गौरतलब है कि चंद्र कुमार ने आरोप लगाया था कि जिस पालमपुर रोप-वे को बनाने के लिए शांता आए दिन सीएम को पत्र लिखते रहते हैं, वह जनता नहीं बल्कि अपने विकास के लिए लिखते हैं, जिस पहाड़ी पर रोपवे बनाने की बात की जा रही है, वहां पर शांता की जमीन है और उसकी वेल्यू बढ़ाने के लिए रोपवे बनाने की मांग की जा रही है।
अन्य प्रदेशों में हो रहे विधानसभा चुनावों पर शांता कुमार ने कहा कि फिलहाल वह कोई भविष्यवाणी तो नहीं कर सकते, लेकिन अंदाजा है कि पंजाब में बीजेपी पिछड़ गई है जबकि यूपी के अंतिम चरणों के रुझानों से बीजेपी बढ़त लेती दिख रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में सीधे दो दलों की राजनीति है और तीसरे मोर्चे के लिए कोई जगह नहीं है। बीजेपी कांग्रेस के अलावा कई बार तीसरे मोर्चे का माहौल बना पर तीसरा मोर्चा सफल नहीं हो पाया।
शांता कुमार ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता देना या नहीं देना कांग्रेस का आंतरिक मामला है। उनकी निजी राय है कि बेरोजगारी भत्ता देने की बजाय रोजगार देने को तरजीह दी जाए। शांता कुमार का कहना है के किसी को भिखारी बनाने के पक्ष में वह कतई खड़े नहीं हो सकते और सबको एक सम्मानजनक जीविका उपलब्ध करवाई जाए।
- Advertisement -