- Advertisement -
शिमला। निर्माण कार्य में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ने वाली 737 बिजली परियोजनाओं (Power Project) को प्रदेश सरकार (State Govt) ने कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया है। ये ऐसी परियोजनाएं हैं जो वर्ष 2000 के बाद अलॉट हो चुकी हैं, लेकिन निर्माण कार्य नहीं हुए। इन प्रोजेक्ट्स (Project) की क्षमता 5030 मेगावाट है। पांच से लेकर छह सौ मेगावाट तक की क्षमता वाले इन प्रोजेक्ट्स (Project) निर्माण कार्य में देरी के पीछे कारण का जवाब भी सरकार ने मांगा है। सरकार ने इन परियोजना प्रबंधनों से एक महीने के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
सरकार ने यह भी पूछा है कि प्रोजेक्ट (Project) निर्माण कार्य कब से शुरू होना है और औपचारिकताओं के लिए कितना समय लगेंगे। ऐसे में परियोजना प्रबंधन की ओर से जवाब न मिलने और कार्य शुरू न करने की स्थिति में सरकार एग्रीमेंट भी रद्द कर देगी और अपफ्रंट प्रीमियम भी वापस नहीं की जाएगी। यहां तक कि पूर्व में अलॉटिड चार ऐसी परियोजनाएं हैं, जिसकी अपफ्रंट प्रीमियम 300 करोड़ सरकार के पास आ चुकी है। लेकिन, कंपनियों ने परियोजना (Project) कार्य ही छोड़ दिए।
पिछले साल प्रदेश में बिजली कम उत्पादन होने पर भी सरकार को 70 करोड़ का लाभ हुआ है। हालांकि पिछली बार उत्पादन कम होने से 160 करोड़ का घाटा भी हुआ था। पिछली बार कम उत्पादन और अच्छे रेट मिलने से 70 करोड़ का लाभ हुआ है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक पिछली बार दो रुपए 99 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली बेची गई थी। मगर इस बार तीन रुपए 70 पैसे से लेकर तीन रुपए 99 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिकी।
- Advertisement -