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मंडी। हमीरपुर स्थित कर्मचारी चयन आयोग (HPSSC) द्वारा आरटीआई (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी देने में आनाकानी की जा रही है। जिसके चलते आयोग के जन सूचना अधिकारी को राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त ने नोटिस (Notice) जारी किया है। नोटिस में उन्हें 5 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से शिमला (Shimla) में हाजिर होने के आदेश दिए हैं। मंडी जिला के सरकाघाट निवासी एडवोकेट केके वर्मा ने आरटीआई के तहत कर्मचारी चयन आयोग से जानकारी मांगी थी कि जब पर्सनल इंटरव्यू की प्रक्रिया बंद हो चुकी है तो इस प्रक्रिया को करवाने वाला पैनल किस आधार पर रखा गया है।
बता दें कि क्लास थ्री और फोर की सिलेक्शन में पहले 30 अंकों का पर्सनल इंटरव्यू होता था। इस पर्सनल इंटरव्यू के लिए जो पैनल बना होता था उसमें आयोग के चेयरमैन और गैर सरकारी सदस्य शामिल रहते थे। इसके बदले में आयोग इनपर लाखों रूपए भी खर्च करता था। एडवोकेट केके वर्मा का कहना है कि पर्सनल इंटरव्यू की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद भी सरकार के माध्यम से आयोग में गैर सरकारी सदस्य रखे गए हैं और इनपर लाखों रूपए व्यर्थ के खर्च किए जा रहे हैं। इसी की जानकारी इन्होंने आरटीआई के तहत मांगी। लेकिन इस जानकारी को तय समय के भीतर नहीं दिया गया। वहीं कुछ जानकारी दी गई लेकिन वह पूरी जानकारी नहीं है। केके वर्मा ने इसकी शिकायत प्रथम अपील के पास भी की। लेकिन वहां से भी उचित कार्रवाही न होने पर उन्होंने राज्य मुख्य सूचना आयुक्त का दरवाजा खटखटाया। अब वहां से आयोग के जन सूचना अधिकारी को नोटिस जारी करके पूरे मामले पर 5 नवंबर को शिमला में पेश होने का फरमान सुनाया गया है। इसकी पुष्टि केके वर्मा को आई आयोग की प्रतिलिपी से हुई है।
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