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श्रीनगर/लेह। अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख (J&K and Ladakh) में देश का कोई भी व्यक्ति जमीन खरीद सकता है और वहां बस सकता है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी हरी झंडी देते हुए नई अधिसूचना जारी कर दी। हालांकि खेती की जमीन को लेकर रोक जारी रहेगी। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के मुताबिक, हम चाहते हैं कि बाहर की इंडस्ट्री जम्मू-कश्मीर में लगें, इसलिए इंडस्ट्रियल लैंड में इन्वेस्ट की जरूरत है। लेकिन खेती की जमीन सिर्फ राज्य के लोगों के लिए ही रहेगी।
केंद्र सरकार का यह फैसला जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य के केंद्र शासित प्रदेश के रूप में पुनर्गठित होने की पहली सालगिरह से करीब चार दिन पहले आया है। बता दें कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर में सिर्फ वहां के निवासी ही जमीन की खरीद-फरोख्त कर सकते थे। लेकिन अब बाहर से जाने वाले लोग भी जमीन खरीदकर वहां पर अपना काम शुरू कर सकते हैं। केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के लिए अधिसूचित नया जमीन कानून प्रदेश के विकास में संजीवनी साबित होगा।
गौरतलब है कि कि पांच अगस्त 2019 से पूर्व जम्मू-कश्मीर राज्य की अपनी एक अलग संवैधानिक व्यवस्था थी। उस व्यवस्था में सिर्फ जम्मू-कश्मीर के स्थायी नागरिक जिनके पास राज्य का स्थायी नागरिकता प्रमाण पत्र जिसे स्टेट सब्जेक्ट कहा जाता है, हो, वहीं जमीन खरीद सकते थे। देश के किसी अन्य भाग का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में अपने मकान, दुकान, कारोबार या खेतीबाड़ी के लिए जमीन नहीं खरीद सकता था। वह सिर्फ कुछ कानूनी औपचारिकताओं को पूरा कर पट्टे के आधार पर जमीन प्राप्त कर सकता था या किराए पर ले सकता था।लेकिन अब बाहर से जाने वाले लोग भी जमीन खरीदकर वहां पर अपना काम शुरू कर सकते हैं।
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