-
Advertisement
Shivratri Festival : अब पड्डल से मंदिर तक वापस भी पहुंचेगी राज माधो राय की पालकी
Last Updated on February 7, 2020 by saroj patrwal
मंडी। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में प्राचीन जलेब की परंपराओं का निर्वहन किया जाएगा। राज माधव राय की पालकी अब परंपराओं के मुताबिक जलेब की रौनक के साथ पड्डल से वापस मंदिर तक भी पहुंचाई जाएगी। वापसी में राज माधो राय की पालकी के कुछ देवी-देवताओं के साथ मंत्री भी पैदल वापस लौटेंगे। इस तरह जलेब की शुरुआत की भांति वापसी भी भव्य होगी। यह जानकारी मंडी में डीआरडीए भवन में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव 2020 (International Shivaratri Festival 2020) की तैयारियों की समीक्षा बैठक के बाद जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर (Mahendra Singh Thakur) ने दी।
यह भी पढ़ें: मैड़ी मेले में ट्रकों व ट्रॉलियों से आने वालों पर शिकंजा कसेगी Himachal-Punjab Police
उन्होंने कहा कि शिवरात्रि महोत्सव देव समागम है और इस महोत्सव से प्राचीन परंपराएं (Ancient traditions) जुड़ी हुई हैं। जिन्हें जीवंत रखने का बीड़ा हम सब पर है। उन्होंने कहा कि इस बार शिवरात्रि महोत्सव के मुख्य आकर्षण जलेब में प्राचीन परंपराओं का निर्वहन किया जाएगा। जिसमें राज माधो राय की जलेब वापसी में भी भव्य होगी। जलेब की वापसी में राज माधो राय की पालकी अकेली नहीं चलेगी। देवी-देवताओं के साथ जलेब में शिरकत करने वाले मंत्री भी वापस लौटेंगे। इस तरह परंपरा दोबारा जीवंत किया जाएगा। उन्होंने इस परंपरा को शिवरात्रि महोत्सव की मार्गदर्शिका में भी शामिल करने के लिए कहा। ताकि भविष्य में इस परंपरा का निर्वहन हो सके।
वहीं, बैठक में बड़ा देव कमरूनाग के बैठने के स्थान को लेकर भी विचार विमर्श किया गया। बैठक (Meeting) में सुझाव दिया गया कि बड़ा देव कमरूनाग के लिए पड्डल में बड़ा सिंहासन बनाया जाए। हालांकि इस सुझाव पर अब देव समाज चर्चा करेगा और फैसला लिया जाएगा। जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि अगर बड़ा देव कमरूनाग टारना में ही विराजमान होना चाहते हैं तो वहां भी उनके बैठने का भव्य इंतजाम किया जाएगा।
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव 2020 22 से 28 फरवरी तक मनाया जाएगा। महोत्सव के लिए प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी। जिनकी समीक्षा की गई। महोत्सव के दौरान तीन जलेब निकाली जाती हैं। जोकि मुख्य आकर्षण रहती हैं। जिनमें राज माधो राय के साथ एक दर्जन से अधिक देवी देवता चलते हैं, लेकिन वापसी में अकेली राज माधो राय की पालकी मंदिर पहुंचती है। जिस पर अब संज्ञान ले लिया गया है। बैठक में विधायक करसोग हीरा लाल, जवाहर ठाकुर, इंद्र सिंह गांधी, डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर, एसपी मंडी गुरदेव शर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।