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इस राज्य में #Intercast_Marriage करने पर नहीं मिलेगा पैसा, 44 साल पुरानी स्कीम करेंगे खत्म
Last Updated on December 2, 2020 by
लखनऊ। यूपी सरकार ने लव जिहाद को लेकर कानून बना दिया है इसी के साथ सरकार 44 साल पुरानी एक स्कीम को खत्म करने जा रही है। योगी आदित्यनाथ सरकार(Yogi Adityanath Government) उत्तर प्रदेश अंतरजातीय अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन नियमावली 1976 को खत्म करने जा रही है। इस स्कीम राष्ट्रीय एकता विभाग ने चालू किया था। इस स्कीम के तहत अंतर-जातीय और अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को सरकार की ओर 50 हजार रुपए नगद दिए जाते थे। अब यूपी सरकार इस स्कीम को बंद करने पर विचार कर रही है।
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले साल अंतर-धार्मिक विवाह (Intercast marriage) करने वाले 11 जोड़ों ने इस स्कीम का लाभ उठाया था और उन्हें 50-50 हजार रुपए मिले थे, लेकिन इस साल इस स्कीम के तहत कोई रकम जारी नहीं की गई है। हालांकि प्रशासन के पास 4 आदेवन भी आए हैं, लेकिन ये आवदेन पेंडिंग पड़े हैं। यूपी सरकार के मुताबिक चूंकि अब राज्य सरकार ने अवैध धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश पारित किया है इसलिए इस स्कीम पर पुनर्विचार किया जाएगा।
गौर हो कि यूपी सरकार ने जबरन धर्म परिवर्तन और लव जिहाद के आरोपों के खिलाफ अध्यादेश पारित किया है। ये कानून उत्तर प्रदेश में लागू हो गया है। बता दें कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले जोड़े को जिलाधीश के पास शादी के दो साल के अंदर आवेदन देना पड़ता था। इस आवेदन की जांच के जिला प्रशासन इसे यूपी नेशनल इंटीग्रेशन डिपार्टमेंट के पास भेज देता था। यूपी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा है कि ये स्कीम अभी तक है, लेकिन वे इसके जारी रहने के बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए और अपनी पहचान छिपाकर अपने साथी को धोखा देने वालों को दंडित करने के लिए ये अध्यादेश लाया है।