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मिलावटी और नकली रंगों से बचें
Last Updated on March 28, 2021 by
रंगों का त्यौहार होली आप के दरवाजे पर दस्तक दे रहा है, रंग, अबीर और गुलाल भी मार्केट में बिक रहे हैं। बाजार में मिलने वाले जिन रंगों का इस्तेमाल आप कर रहे हैं उनके बारे में भी जान लेना चाहिए। मिलावट के इस दौर में मिलावटी और नकली रंगों का बाजारों में बिकना आम हो गया है। ये रंग हमारी स्किन के लिए बेहद नुकसानदायक माने जाते हैं, ऐसे में बाजार से होली के लिए रंग खरीदते वक्त इस बात जरूर रखना चाहिए कि कहीं हम मिलावटी या नकली रंग तो नहीं खरीद रहे हैं? पुराने समय में लोग होली में प्राकृतिक या फिर आर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल करते थे लेकिन अब हानिकारक रासायनिक पदार्थों को मिलकर इन रंगों को बनाया जा रहा है जो स्किन के साथ-साथ आंखों पर भी हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं। आइये जानते हैं होली में रंगों के इस्तेमाल से पहले उनसे जुड़ी जरूरी बातें और बाजार में मिलने वाले असली और नकली या मिलावटी रंगों की पहचान के बारे में।
होली में नकली या मिलावटी रंगों के इस्तेमाल से स्किन से जुड़ी कई समस्याओं के होने का खतरा होता है। आजकल हानिकारक केमिकल के इस्तेमाल से बनने वाले रंग मार्केट में आसानी से बिकते हैं, इन्हें बनाने में भी कम समय लगता है और आर्गेनिक रंगों की तुलना में ये सस्ते भी होते हैं। स्किन के लिए हानिकारक माने जाने वाले इन रंगों के आंख में जाने से बड़ी समस्या हो सकती है। पारा, सल्फेट, लेड ऑक्साइड, तांबा सल्फेट और मैलाकाइट जैसे कई अन्य तरह के हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल कर रंगों को बनाया जाता है। इन रंगों में कई तरह के ग्लास पार्टिकल्स और माइका डस्ट आदि भी मौजूद होते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इनके इस्तेमाल से स्किन से जुड़ी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं। शरीर पर मौजूद चोट या घाव में जाने से ये एक्जिमा और कैंसर के अलावा आंख और त्वचा में जलन, एलर्जी और गंभीर संक्रमण जैसी स्थिति भी पैदा कर सकते हैं।