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नाहन। हिमाचल प्रदेश स्टाफ सिलेक्शन कमीशन बोर्ड हमीरपुर (HPSSC Hamirpur) की ओर से 21 मार्च को आयोजित होने वाली जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (JOA) की लिखित परीक्षा (written examination) के केंद्रों को लेकर एनएसयूआई ने सवाल उठाए हैं। एनएसयूआई का कहना है कि जिला के दुर्गम क्षेत्रों में अभ्यर्थियों के परीक्षा केंद्र बनाए जाने से युवाओं को खासी परेशानी उठानी पड़ेगी। लिहाजा, इस दिशा में समय रहते उचित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। एनएनयूआई (NSUI) के जिलाध्यक्ष विपुल शर्मा ने कहा कि जूनियर ऑफिस असिस्टेंट की लिखित परीक्षा जो 21 मार्च को होनी है, उसके लिए अभ्यर्थियों के लिखित परीक्षा के केंद्र बहुत दुर्गम स्थानों पर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिला सिरमौर के शिलाई, कफोटा, आंजभोंज, नाहन के सैंकड़ों अभ्यर्थियों के परीक्षा केंद्र राजगढ़ और पच्छाद के दुर्गम इलाकों में दिए गए हैं।
इससे गरीब घरों के अभ्यर्थी जो परीक्षा की तैयारियां कर रहे है, उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। विपुल शर्मा ने कहा कि शिलाई और पांवटा साहिब से राजगढ़ जाने में लगभग 6 से 7 घंटों का सफर करना पड़ता है और परीक्षा के लिए छात्रों को 11 बजे परीक्षा केंद्र (Examination Center) में पहुंचना होगा। जो दूर दराज क्षेत्र के अभ्यार्थियों के लिए मुमकिन नहीं है। ऐसे में अभ्यर्थियों को पहले दिन परीक्षा स्थानों पर पहुंचना पड़ेगा और वहां रात को ठहरने व खाने पीने का भी स्वयं प्रबंध करना होगा। आम घरों के छात्रों के लिए यह बहुत मुश्किल है। ऐसे में एनएसयूआई ने सरकार व बोर्ड से मांग करते हुए कहा कि तमाम छात्रों के परीक्षा केंद्र बदलकर उनके नजदीक के स्थान पर परीक्षा केंद्र निर्धारित किए जाएं, ताकि कोई भी आम अभ्यर्थी परीक्षा देने से वंचित न रह सकें।
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