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डीसी ऑफिस पहुंच गए एनएसयूआई के छात्र, बताया-क्यों नहीं होनी चाहिए परीक्षाएं
Last Updated on July 6, 2021 by Sintu Kumar
ऊना। कई दिनों से ऊना के एमसी पार्क के बाहर छात्रों को प्रमोट करने की मांग को लेकर एनएसयूआई की ओर से किए जा रहे धरना प्रदर्शन के बाद मंगलवार को छात्र नेता कॉलेज स्टूडेंट के साथ हल्ला बोलने डीसी ऑफिस पहुंच गए। इस दौरान स्टूडेंट्स ने प्रदेश सरकार और एचपीयू प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
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वहीं उन्होंने मांग की है कि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की तर्ज पर ही विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेज स्टूडेंट्स को प्रमोट कर अगली कक्षा में बिठाना चाहिए। विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए छात्र छात्राओं का तर्क था कि कोविड-19 की परिस्थितियों में ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त रही है। एक-एक कक्षा में भर्ती किए गए 500 से 600 स्टूडेंट को ऑनलाइन शिक्षा भी मुहैया नहीं हो पाई। जबकि दूसरी तरफ प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के चलते कई छात्रों के पास ना तो आधुनिक उपकरणों से लैस मोबाइल थे और ना ही कइयों के वहां मोबाइल सिग्नल। ऐसी परिस्थिति में छात्रों से परीक्षाएं लेना उनके खिलाफ कुठाराघात है। छात्र- छात्राओं ने एक स्वर में हिमाचल प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि ग्रेजुएशन के पहले और दूसरे वर्ष के छात्र छात्राओं की परीक्षाएं रद्द की जाए। जबकि फाइनल ईयर के स्टूडेंट की परीक्षाओं को ऑनलाइन तरीके से लिया जाए।
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विरोध प्रदर्शन में जिला के दूरदराज क्षेत्रों से पहुंचे कॉलेज छात्रों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के चलते प्रदेश के हजारों छात्र ऑनलाइन कक्षाएं भी अटेंड नहीं कर पाए हैं। जबकि एक एक कक्षा में 500 से अधिक छात्र-छात्राएं होने के चलते कॉलेज का स्टाफ भी सभी छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा मुहैया करवाने में नाकाम रहा है। ऐसी परिस्थिति में यदि विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षाओं का आयोजन करना ही चाहता है तो वह ऑनलाइन की जानी चाहिए। वहीं दूसरी और एनएसयूआई के छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड की तर्ज पर विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स को भी प्रमोट कर अगली कक्षा में दाखिला प्रदान किया जाए।