-
Advertisement
महिला ने बिना-हाथ पैर वाले बच्चे को दिया जन्म तो नर्सिंग होम को दस लाख जुर्माना
Last Updated on October 28, 2022 by sintu kumar
ओडिशा में जगतसिंहपुर (Jagatsinghpur) जिले के तिरटोल थाना क्षेत्र के तहत आने वाले गांव की 24 वर्षीय महिला (24-year-old woman) ने बिना हाथ-पैर वाले बच्चे को जन्म दिया था। इस पर नर्सिंग होम पर दस लाख का जुर्माना किया गया है। क्योंकि इस नर्सिंग होम (Nursing Home) ने अल्ट्रासाउंड की तीनों रिपोर्ट में बच्चे को नार्मल (Normal) बताया था। बताया जा रहा है कि ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले के तिरटोल थाना (Tirtol Police Station) क्षेत्र के तहत आने वाले गांव की 24 वर्षीय महिला बंदनादास और उसका पति मनोरंजन तुली के घर वर्ष 2020 में बच्चा हुआ तो वे दोनों बड़े खुश थे। मगर उनको तब ठेस लगी जब उन्हें पता चला कि बच्चे के हाथ-पैर ही नहीं हैं। हालांकि नर्सिंग होम से अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) करवाया गया था। उसको बच्चे की शारीरिक विकलांगता का पता नहीं चला और तीनों रिपोर्टों का नॉर्मल ही बताया गया।
यह भी पढ़ें:हिमाचल में यहां मेडिकल कॉलेज के शौचालय में मिला भ्रूणए जांच में जुटी पुलिस
मामला अदालत में पहुंच गया, जहां ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले की एक जिला उपभोक्ता अदालत (Consumer Court) ने एक नर्सिंग होम को अल्ट्रासोनोग्राफी की सही रिपोर्ट ना देने पर दस लाख का जुर्माना सुनाया है। यह राशि पीड़ित परिवार को देने के लिए आदेश दिए गए हैं। जगतसिंहपुर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण मंच ने अपने आदेश में रेडियोलॉजिस्ट प्रताप केशरी दास और उनकी पत्नी लिप्सा दास के नर्सिंग होम को बाएं पैर और दाहिनी हथेली के बिना पैदा हुए बच्चे के लिए 10 लाख रुपये की राशि देने का आदेश दिया है। नर्सिंग होम के मालिकों को भी महिला को उसकी मानसिक पीड़ा के लिए 50,000 रुपये और मुकदमे बाजी की लागत के लिए 4,000 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया है।अदालत ने फैसले में कहा है कि यदि महिला को भ्रूण की विकलांगता (fetal disability) के बारे में समय पर सूचित किया जाता तो वह गर्भपात भी करवा सकती थी। महिला ने नर्सिंग होम पर विश्वास किया जबकि इस नर्सिंग होम ने ही रिपोर्ट सही नहीं दी। इस कारण बच्चे के अभिभावकों को जहां मानसिक परेशानी से गुजरना पड़ा वहीं उनके घर बच्चा भी विकलांग ही पैदा हुआ। यह सारी गलती नर्सिंग होम की है।