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धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण बोर्ड की 11वीं बैठक में पंचायती राज संस्थाओं में ओबीसी वर्ग के लिए वार्ड आरक्षित करने के नियम का हवाला देते हुए सदस्यों ने स्थानीय निकायों के अलावा विधानसभा क्षेत्रों में भी ओबीसी वर्ग का कोटा निर्धारित करने की मांग रखी है। इसके अलावा 6 माह तक ओबीसी प्रमाण पत्र की वैधता को बढ़ाकर 2 वर्ष करने की मांग भी इस बैठक में सरकार से की गई है।
बैठक का आयोजन, प्रयास भवन धर्मशाला में हुआ। सीएम वीरभद्र सिंह ने इस बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में प्रदेशभर के विभिन्न स्थानों से आए ओबीसी कल्याण बोर्ड के सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों के सड़क, स्वास्थ्य और कृषि संबंधी मुद्दों को प्रमुखता से उठाया सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग निदेशालय अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक मामले के तत्वावधान में आयोजित इस बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल, प्रदेश के मुख्य सचिव वीसी फारका के अलावा अन्य अधिकारी और दर्जनों की संख्या में ओबीसी कल्याण बोर्ड के सदस्य उपस्थित रहे। इस बैठक में ओबीसी को विभिन्न सरकारी विभागों में दिए जाने वाले आरक्षण कोटे में भी बढ़ोतरी की मांग की गई। बोर्ड सदस्यों का कहना है कि अन्य जातियों को ओबीसी में सम्मिलित करने से ओबीसी वर्ग की संख्या बढ़ी है, जबकि आज भी ओबीसी वर्ग को 12 और 18 फीसदी आरक्षण प्रदान किया जा रहा है।
सदस्यों ने द्वितीय और तृतीय श्रेणी के ओबीसी वर्ग से संबंधित कर्मचारियों को पदोन्नति कोटे के तहत देने की मांग भी सरकार से रखी है। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में निर्माणाधीन और चल रही जलविद्युत परियोजनाओं द्वारा स्थानीय क्षेत्र के विकास के लिए दिए जाने वाले लाडा फंड को नहीं दिए जाने का मुद्दा भी आज की बैठक में उठा। सरकार से मांग की गई है कि इन कंपनियों से लाडा फंड लेकर प्रभावित क्षेत्रों का विकास करवाया जाए। इसके अतिरिक्त विभिन्न स्थानों पर पूर्व में की गई घोषणाओं के अनुरूप विकास कार्य नहीं होने पर भी चर्चा हुई।
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