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धर्मशाला। कर्नाटक प्रकरण पर पूर्व सीएम व कांगड़ा-चंबा के सांसद शांता कुमार ने कहा कि इस घटनाक्रम ने उन्हें हिमाचल में वर्ष 1982 की घटना याद दिला दी है। शांता कुमार धर्मशाला में लायंस क्लब द्वारा आयोजित वरिष्ठ नागरिक सम्मान समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
शांता ने 1982 की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 1982 में हिमाचल में बीजेपी के पास 29 और कांग्रेस के पास 31 सीटें थीं। सात निर्दलीय उम्मीदवार जीत कर आए थे और निर्दलीय उम्मीदवार बीजेपी के साथ आने के लिए तैयार थे। लेकिन, जिस तरह से वे आना चाहते थे, उस तरह वह (शांता) उन्हें लेने को तैयार नहीं थे, क्योंकि वह सौदेबाजी नहीं करना चाहते थे।
शांता ने कहा कि उन्हें याद है कि उन्होंने उस वक्त एक वाक्य कहा था जो मीडिया में बहुत प्रसिद्ध हुआ था कि मैं जिंदा मास का व्यापारी नहीं हूं और मैं खरीद फरोख्त नहीं करूंगा। शांता ने कहा कि उस समय उन पर उनकी पार्टी के विधायकों का भारी दबाव था कि निर्दलीय विधायक पार्टी में आने को तैयार हैं तो आप सरकार क्यों नहीं बना रहे।
शांता ने कहा कि उस समय अटल बिहारी वाजपेयी पठानकोट आए थे और मैं उनके पास गया और उनसे कहा कि हम खरीद-फरोख्त और जोड़-तोड़ से सरकार नहीं बनाएंगे। शांता ने कहा कि उस समय कांग्रेस के केवल दो विधायक ही ज्यादा थे और हम इस झंझट में नहीं पड़े और सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया। शांता ने कहा कि आज कर्नाटक में बीजेपी के कांग्रेस से 26 विधायक अधिक हैं और उन्हें इस झंझट में नहीं पड़ना चाहिए था।
शिमला। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर्नाटक में येदुरप्पा सरकार के गिरने पर पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर तीखा हमला बोला है। सुक्खू ने कहा कि कर्नाटक में आखिर लोकतंत्र की जीत हुई और विधायकों ने एकजुटता दिखाकर मोदी व शाह के भ्रष्ट तंत्र पर करारी चोट की है। बीजेपी की हॉर्स ट्रेडिंग व ऑपरेशन लोटस भी इस बार फेल हो गया।
कांग्रेस-जेडीएस विधायकों ने एकजुट होकर दिखा दिया कि बीजेपी की खरीदत-फरोख्त की राजनीति अब नहीं चलने वाली है। बीजेपी ने कांग्रेस विधायकों को अगवा कर होटल में भी रखा, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी और कांग्रेस की सतर्कता ने मोदी-शाह की एक नहीं चलने दी। सुक्खू ने कहा कि जेडीएस और कांग्रेस की सरकार बनने से देश भर में कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा।
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