- Advertisement -
नई दिल्ली। अगर आपके पास अलग-अलग साल के 1-1 रुपये के सिक्के हैं तो आप इसे 4 लाख के लिए बेच सकते हैं। ये सिक्के QUICKER या ई-बे जैसी साइटों पर बेचे जा रहे हैं। इसके साथ ही मां वैष्णो देवी की एक तस्वीर के साथ एक सिक्का 72,000 रुपये के लिए बेचा जा रहा है।
न्यूमिज़्मेटिक सोसाइटी के अनुसार, कीमत सिक्का पर निर्भर करती है। सिक्का जितना अधिक दुर्लभ होगा, उतना ही अधिक मूल्य होगा। इन दुर्लभ मुद्रा के लिए त्रुटि मुद्रा के लिए भी एक बड़ा बाजार है। भारत में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1939 में 1 रुपये की रजत सिक्का की छपाई बंद कर दी गई थी। उस साल का सिक्का शायद ही कभी कुछ लोगों के पास होगा। इसकी कीमत 2 से 5 लाख रुपये है।
हालांकि, नकली सिक्का बाजार भी बड़ा है। इसलिए, सिक्कों की कीमत जरूरी नहीं है। यह सिक्कों के माध्यम से दिल्ली का इतिहास भी दिखाता है।सम्राट अकबर ने हिंदू देवी के अलावा 12 राशि चक्रों पर विभिन्न सिक्के प्रकाशित किए थे लेकिन, उनकी खोज अभी भी जारी है। अगर किसी के पास अकबर से बने सिक्के हैं, तो आज वह बाजार में 15 करोड़ रुपये से अधिक मूल्यवान है। प्रदर्शनी में, प्रत्येक शासकों द्वारा संचालित सिक्के बीसी से उस सिक्के के माध्यम से शुरुआत में दिखाई देंगे।
- Advertisement -