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देश का एकमात्र मंदिर जहां होती है बिना सिर वाले गणपति की पूजा! पूरी होती हैं सारी मुरादे
भारत की संस्कृति सभी ओर प्रसिद्ध है, यहां कई ऐसे मंदिर (Temple) हैं जिनकी अलग-अलग मान्यताएं हैं। आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताएंगे जहां जाकर साधकों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह मंदिर उत्तराखंड (Uttarakhand) की हसीन वादियों में मौजूद है। बिना सिर वाले गणपति (Ganpati) का यह मंदिर ‘मुंडकटिया मंदिर’ के नाम से प्रसिद्ध है। यह पवित्र और प्राचीन मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह देश का एकलौता मंदिर है जहां श्री गणेश जी बिना सिर के रूप में विराजमान है। यहां पर हर समय भक्तों (Devotees) का तांता लगा रहा है। मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी सच्चे मन से प्रार्थना (Worship) करता है उसकी सारी इच्छाएं गणपति जी पूरी करने है।
‘मुंडकटिया मंदिर’ से जुड़ी कथा
इस मंदिर से जुड़ी एक कथा भी काफी प्रसिद्ध है जिसमें बताया गया है कि एक दिन मां पार्वती गौरी कुंड में नहाने के लिए जा रही थीं तब उन्होंने भगवान गणेश को बाहर खड़े रहने को बोला और कहा कि कोई भी अंदर नहीं आना चाहिए। जब गणेश भगवान द्वार पर पहरा दे रहे थे, तो कुछ समय के बाद भगवान भोले नाथ (Lord Bhole Nath) वहां पहुंचे। लेकिन गणपति जी ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया, इससे भगवान शंकर गुस्सा हो गए और गणेश जी का सिर धड़ से अलग कर दिया। इसके बाद से जिस स्थान पर उनका शरीर गीरा उस स्थान पर बिना सिर वाले गणपति की पूजा की जाने लगी।