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इधर कैबिनेट, उधर सदन से मंत्री गायब; जयराम ने उठाया मुद्दा, स्पीकर नाराज
रविंद्र चौधरी/धर्मशाला। हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Winter Session Of Himachal Assembly) में गुरुवार को सदन से मंत्रियों की गैरमौजूदगी (Ministers Absent) पर जहां विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा, वहीं विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने भी इस पर तल्खी दिखाई। तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने सदन में इस मुद्दे को उठाया, क्योंकि बुधवार को दूसरे दिन की कार्यवाही में कुछ मंत्री सदन में मौजूद नहीं थे। इस मामले पर तल्ख विपक्ष ने वॉकआउट (Walk Out) भी किया। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया (Speaker Kuldeep Pathania) ने मंत्रियों की गैरहाजिरी पर कड़ी नाराजगी जताई और सत्तापक्ष को सदन के नियमों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए। विधानसभा अध्यक्ष ने यहां तक कह दिया कि ‘दिस हाउस मस्ट बी इन्फार्मड हू इज वेयर’।
जयराम ठाकुर ने उठाया मुद्दा
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर (LoP Jairam Thakur) ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि सदन में केवल डिप्टी सीएम मुकेश अग्रिहोत्री मौजूद थे। उनका कहना था कि कैबिनेट (Cabinet) की बैठक सदन की कार्यवाही के बाद भी हो सकती थी। उन्होंने कहा कि जब मंत्री विधानसभा परिसर में मौजूद थे तो उनको सदन के भीतर होना चाहिए था। उन्होंने किसी अन्य को भी अधिकृत नहीं किया था, जो उनके बदले जवाब देता। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार सदन की मर्यादाओं को हल्के में ले रही है। अव्यवस्था फैलाई जा रही है, इसलिए सदन की मर्यादाओं का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
मंत्रियों की मौजूदगी जरूरी
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने कहा कि केवल सीएम ने डिप्टी सीएम (Deputy CM) को जवाब देने के लिए अधिकृत किया था। शेष किसी मंत्री ने ऐसा नहीं किया, जो कि सही नहीं है। सदन की कार्यवाही को सभी की सहमति से आगे बढ़ाया गया था जिसपर अपने जवाब देने के लिए मंत्रियों की मौजूदगी जरूरी थी।
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आगे से ऐसा नहीं होगा: हर्षवर्धन
संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने गलती मानते हुए इस मामले पर खेद जताया। उन्होंने कहा कि विधायक रणधीर शर्मा के उठाए सवाल पर इस तरह की स्थिति बनी कि तब मंत्री यहां नहीं थे। मगर सवाल का जवाब देने के लिए कृषि मंत्री यहां पहुंच गए थे। उन्होंने माना कि इस तरह की स्थिति भविष्य में नहीं होगी।
राजनीति न करे विपक्ष: सीएम
CM सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने इस मामले में कहा कि वाकआउट विपक्ष का अधिकार है, मगर उसे चर्चा से भागना नहीं चाहिए। सरकार जनहित के मुद्दों पर जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। विपक्ष को सदन में चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कैबिनेट बैठक रखी गई थी, मगर अचानक से सदन को आगे बढ़ाया गया। अब बैठक रखी थी तो की गई। इस पर विपक्ष को राजनीति (Politics) नहीं करनी चाहिए।