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नई दिल्ली। यूरोपीय संसद के सदस्यों के कश्मीर दौरे पर विपक्ष ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेर लिया है। इन सांसदों को जम्मू-कश्मीर जाने की अनुमति देने का भारत में राजनीतिक विरोध हो रहा है।
ये कैसी सरकार है दोस्तों,ये कौन सा बयार है ? जिसमें गैरों पर एतबार है और अपनों को इंकार है ? क्या ये राष्ट्रवादी सरकार है ? #EuropeanUnion #Kashmir #BJP
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) October 29, 2019
इस मसले पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया है, ‘ये कैसी सरकार है, ये कौन सा बयार है? जिसमें गैरों पर ऐतबार है और अपनों को इनकार है? क्या ये राष्ट्रवादी सरकार है?’
To visit Kashmir :
All is normal for members of the European Parliament
All is not normal for our own !
— Kapil Sibal (@KapilSibal) October 29, 2019
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा, ‘कश्मीर जाने के लिए, यूरोपीय सांसदों के लिए सब ठीक है, अपनों के लिए नहीं है।’
कश्मीर में यूरोपियन सांसदों को सैर-सपाटा और हस्तक्षेप की इजाजत लेकिन भारतीय सांसदों और नेताओं को पहुँचते ही हवाई अड्डे से वापस भेजा गया!
बड़ा अनोखा राष्ट्रवाद है यह।https://t.co/hAHVigzGFU
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 29, 2019
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया है, ‘कश्मीर में यूरोपियन सांसदों को सैर-सपाटा और हस्तक्षेप की इजाज़त लेकिन भारतीय सांसदों और नेताओं को पहुंचते ही हवाईअड्डे से वापस भेजा गया! बड़ा अनोखा राष्ट्रवाद है यह।’
MPs from Europe are welcome to go on a guided tour of Jammu & #Kashmir while Indian MPs are banned & denied entry.
There is something very wrong with that.https://t.co/rz0jffrMhJ
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 28, 2019
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यूरोपीय सांसदों के इस दौरे को ‘गाइडेड टूर’ बताते हुए कहा कि यह बहुत गलत है।
No coincidence that EU MPs trip tomorrow coincides with board exams for over 60,000 students in Kashmir. They have no choice but to appear for the exam tomorrow just to lend credence to ‘all is normal’ acrobatics.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 28, 2019
वहीं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से लिखा गया है, ‘इसमें कोई इत्तेफाक नहीं कि यूरोपियन सांसदों का कश्मीर दौरा लगभग 60,000 छात्रों की बोर्ड परीक्षा के दौरान हो रहा है।’ आगे लिखा है, ‘उनके पास परीक्षा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, यह उन्हें (प्रतिनिधिमंडल) नाटकीय तरीके से विश्वास दिलाने के लिए है कि सब कुछ सामान्य है।’
Fantastic Choice of MEPs who suffer from a disease -Islamophobia (Nazi lovers)are going to Muslim majority Valley ,sure people will welcome them by “Ware Paeth Khoshh Paeth”
Gairon pe karam apano pe sitam, ai jaan-e-vafaa ye zulm na kar
rahane de abhi thodaa saa dharam https://t.co/e51vfc03bA— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 29, 2019
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यूरोपियन डेलिगेशन के कश्मीर दौरे पर तंज कसते हुए कहा कि यूरोपियन पार्लियामेंट के सांसद जो इस्लामोफोबिया के शिकार हैं उन्होंने सही चुनाव किया है, ऐसे लोग मुस्लिम बहुल घाटी जा रहे हैं। ओवैसी ने ट्वीट किया है कि गैरों पर करम अपनों पर सितम, ए जाने वफा ये जुल्म न कर। रहने दे अभी थोड़ा सा धरम।
जम्मू-कश्मीर में संविधान की धारा 370 को समाप्त करने के उपरान्त वहाँ की वर्तमान स्थिति के आकलन के लिए यूरोपीय यूनियन के सांसदों को जेके भेजने से पहले भारत सरकार अगर अपने देश के खासकर विपक्षी पार्टियों के सांसदों को वहाँ जाने की अनुमति दे देती तो यह ज्यादा बेहतर होता।
— Mayawati (@Mayawati) October 29, 2019
वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि यूरोपीय सांसदों को कश्मीर भेजने से पहले देश के सांसदों को वहां भेजना चाहिए था। मायावती ने ट्वीट किया, ‘जम्मू-कश्मीर में संविधान की धारा 370 को समाप्त करने के उपरान्त वहां की वर्तमान स्थिति के आकलन के लिए यूरोपीय यूनियन के सांसदों को जेके भेजने से पहले भारत सरकार अगर अपने देश के खासकर विपक्षी पार्टियों के सांसदों को वहां जाने की अनुमति दे देती तो यह ज्यादा बेहतर होता।’
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