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Budget Session: जातीय भेदभाव पर तपा सदन, विपक्ष ने किया Walkout
Last Updated on March 2, 2020 by Sintu Kumar
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र ( Budget Session of Himachal Pradesh vidhan sabha)के दौरान सोमवार को प्रश्नकाल के बाद जातीय भेदभाव को लेकर विपक्ष ने वॉकआउट कर लिया। रामपुर के कांग्रेस विधायक नंद लाल ने प्वाइंट ऑफ आर्डर में मंडी देवता के नाम पर जातीय भेदभाव का मामला उठाया। उन्होंने सदन में पूछा कि बीजेपी के समय में ऐसे मामले सामने क्यों आ रहे है। इस पर सदन तपा भी ओर विपक्ष ने मामले की कड़े शब्दों में निंदा की।उन्होंने भेदभाव मामले पर चर्चा की मांग की।लेकिन अध्यक्ष ने इसकी मंजूरी नहीं दी जिस पर विपक्ष ने सदन के अंदर ही नारेबाजी शुरू कर दी और सदन से वाकआउट कर किया।कांग्रेस विधायक नंदलाल ने कहा कि प्रदेश में दलित वर्ग के लोगों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं बढ़ रही है।सरकार ऐसे मामलों पर गंभीर नही है।मंडी बल्ह की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि दलित परिवार की रसोई में पानी फैंका गया। कार्यक्रम के लिए बनाए गए खाने को लात मार दी। जातिसूचक शब्द भी कहे। व्यक्ति बीजेपी का पूर्व पदाधिकारी है। प्रदेश में बीजेपी सरकार मनु वाद की स्मृति से ग्रस्त है।नंदलाल ने विषय पर विस्तृत चर्चा की मांग की।
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इसी बीच सीएम जय राम ठाकुर ने कहा कि मामले में बीजेपी का नाम घसीटना सही नही है। ऐसे मामले दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी वह निंदा करते है और सभी दलों को इसकी निंदा करनी ही चाहिए। बल्ह के कुल देवता के कार्यक्रम में जातीय भेदभाव का ताजा मामला भी निंदनीय है। इसको लेकर मामला भी दर्ज़ कर लिया गया है। मामले में जांच के साथ ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है। मानवीय दृष्टिकोण से ऐसी घटनाएं नही होनी चाहिए।
सीएम ने कहा कि शिवरात्रि के दिन भी इस तरह की घटना घटित हुई। व्यक्ति जिला परिषद का सदस्य है और कांग्रेस का पदाधिकारी है हालांकि यह बात अलग है। किसी भी दल का व्यक्ति इस तरह की घटना को अंजाम देता है तो वह निंदनीय है। जिसके खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर दिया है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इससे पहले के मामले में भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और भविष्य में भी इस तरह की घटनाओं में संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त करवाई की जाएगी। लेकिन विपक्ष जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और सदन में नारेबाजी शुरू कर दी और सदन से वाकआउट कर दिया।
मामला यंही नहीं रुका विपक्ष जैसे ही सदन के अंदर लौटा तो सीएम और नेता प्रतिपक्ष में फिर से मामले को लेकर तू -तू मैं -मैं शुरू हो गयी और सदन में कुछ देर के लिए गतिरोध बढ़ गया। विधानसभा अध्यक्ष ने मामले को शांत करवाया और सदन की कार्यवाही को चलाने के लिए दोनों पक्षों से सहयोग की अपील की।