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शिमला। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र (Budget Session) के तीसरे दिन आज मंडी शिवरात्रि के दौरान सामूहिक धाम में हुए जातीय भेदभाव मामले (Caste discrimination case) में विपक्ष ने खूब हल्ला किया और सदन से वॉकआउट (Walkout) कर दिया। आज तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रश्नकाल से पहले किन्नौर के विधायक जगत नेगी ने शिवरात्रि मेले के समापन में सामूहिक धाम के दौरान हुए अनुसूचित जाति के लोगों से भेदभाव का मामला उठाया।
नेगी ने कहा कि अंतररष्ट्रीय मेले में सीएम व वरिष्ठ मंत्री के गृह क्षेत्र में इस तरह की घटना दुखद है। सरकारी खर्च पर होने वाले कार्यक्रम में इस भेदभाव नहीं होना चाहिए। देवता के नाम पर इस तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। नेगी ने सरकार पर आरोप लगाए कि इनकी मानसिकता में जातिवाद छाया हुआ है। एक मंत्री व विधायक जब मन्दिर में नहीं जा सकता इससे सरकार की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में हैं। उन्होंने सरकार से सख्त कार्रवाई करने की मांग उठाई ताकि भविष्य में इस तरह की घटना न हो।
इस पर जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह (Mahendra Singh) ने अपने वक्तव्य में कहा कि मेला आपसी मेल-जोल को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किए जाते हैं। हर साल की तरह शिवरात्रि मेले में भंडारे का आयोजन किया जाता है। प्रीतम सिंह नाम के व्यक्ति ने पुलिस को शिकायत की है कि सार्वजनिक धाम में उन्ही के गांव के व्यक्ति ने विरोध किया और कहा कि ये जगह आम जगह नहीं है और गाली गलौच की। इस संबंध में मामला दर्ज कर दिया गया है और आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो गई है। जातिवाद पर भेदभाव करना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि सरकार इस घटना की निंदा करती है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
मंत्री के वक्तव्य पर विपक्ष ने शोर मचाना शुरू कर दिया। विस अध्यक्ष विपिन परमार कहते रहे कि सरकार की तरफ से वक्तव्य आ गया है मगर विपक्ष ने एक नहीं सुनी और सत्ता पक्ष ने भी शोर मचाना शुरू कर दिया। इस पर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ सदन में नारेबाजी शुरू कर दी और सरकार पर आरोप लगाए और साथ ही सदन से विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए वाकआउट कर दिया। इसके 2 मिनट बाद प्रश्नकाल के लिए सभी सदस्य सदन में वापस आ गए।
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