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Opposition Walkout : लोकिन्दर बेक्टा, शिमला। विपक्ष की गैरहाजिरी में सोमवार को लोक निर्माण और शिक्षा विभाग के संबंधित मांगों को बिना चर्चा के पास कर दिए जाने के मुद्दे पर विपक्ष के कड़े एतराज के बीच सीएम वीरभद्र सिंह ने बिना चर्चा के यह दो अहम मांगें पास होने का ठीकरा विपक्ष के बीच फोड़ा और इसे विपक्ष की लापरवाही करार दिया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अब विपक्ष उल्टा चोर कोतवाल को डांटे की कहावत को चरितार्थ कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार सदन में रात 12 बजे तक बैठने को तैयार थी और अच्छा होता कि विपक्ष भी सदन में होता और मांगों पर चर्चा होती।
सीएम ने कहा कि विपक्ष की छोटी-छोटी बातों पर वॉकआउट करने की आदत हो गई है और वह महत्वपूर्ण मांगों पर भी गंभीर नहीं है। विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए वीरभद्र सिंह ने कहा कि जिस वक्त ये मांगें सदन में आनी थी, उस समय विपक्ष सदन में मौजूद नहीं था। उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष गंभीर होता तो वह वॉकआउट के बाद सदन में वापस आ जाता। उनका कहना था कि इस सारे मामले में कसूर विपक्ष का है और वह इस मामले में सरकार पर बेवजह दोषारोपण कर रहा है। बता दें कि विपक्ष की गैरहाजिरी में सोमवार को लोक निर्माण और शिक्षा विभाग के संबंधित मांगों को बिना चर्चा के पास कर दिए जाने का मुद्दा आज विधानसभा में जोर-शोर से गूंजा। बीजेपी के मुख्य सचेतक सुरेश भारद्वाज ने प्रश्नकाल के तुरंत बाद यह मामला उठाते हुए कहा कि सरकार ने जानबूझकर भोजनावकाश के दौरान दो महत्वपूर्ण मांगें पास कर दीं।
भारद्वाज ने कहा कि विपक्ष के 10 से 15 सदस्य इन मांगों पर अपनी बात रखने वाले थे। उनका कहना था कि प्रदेश में लोक निर्माण और शिक्षा विभाग का बुरा हाल है और इसलिए ही सरकार ने जानबूझकर इन मांगों पर चर्चा से बचने के लिए यह रास्ता चुना। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम लोकतंत्र की हत्या है और यह परंपरा लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। इसी मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने सरकार से पूछा कि यदि इन दोनों विभागों को लेकर चर्चा हो जाती तो सरकार का क्या जाता, क्योंकि पास तो ये दोनों मांगें होनी ही थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह महत्वपूर्ण मांगें पास करने को जो शार्टकट अपनाया, वह गलत है और लोकतंत्र की हत्या है। धूमल ने कहा कि यह काम जिस जल्दबाजी में किया गया वह निंदनीय है।
उन्होंने यह भी कहा कि भोजनावकाश के दौरान सदन की कार्यवाही को नहीं बढ़ाया गया था। उनका कहना था कि लोकतंत्र में वाकआउट करना विपक्ष का अधिकार है और सरकार ने इसका गलत फायदा उठाया। इसी मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष बीबीएल बुटेल ने व्यवस्था देते हुए कहा कि ऐसे सैकड़ों उदाहरण हैं, जिनमें भोजनावकाश के दौरान सदन की कार्यवाही पूरी की गई है। उन्होंने कहा कि कल पूरा विपक्ष वाकआउट कर बाहर चला गया था और लोक निर्माण और शिक्षा विभाग की मांगें चर्चा के लिए रखे जाने के बाद वह सदन में नहीं लौटा।
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