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मानसून सत्रः चोर दरवाज़े से भर्तियों को लेकर विपक्ष का हंगामा, सदन से किया वाकआउट
Last Updated on August 4, 2021 by saroj patrwal
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र ( Monsoon session of Himachal Pradesh vidhansabha) के तीसरे दिन की कार्यवाही का विधानसभा अध्यक्ष ने जैसे ही शुरू करने का ऐलान किया। विपक्ष की तरफ़ से आशा कुमारी व इंद्रदत्त लखनपाल ने नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव के तहत आउटसोर्स का मामला उठाया, इनके लिए नीति बनाने की मांग उठाई। विधानसभा अध्यक्ष कहते रहे कि इस पर उन्होंने बोलने की इजाज़त नही दी। जो नोटिस विपक्ष ने दिया है उस पर व्यवस्था देंगे। लेकिन विपक्ष ने शोर मचाना शुरू कर दिया।
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विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि चोर दरवाजे से भर्तियां हो रही है। नियमित भर्तियाँ सरकार कर नही रही है। विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को समझाते हुए बताया कि नियम 67 के तहत उनकी तरफ़ से चर्चा आई है। जिसमें नियुक्तियों में हो रही धांधलियों व चोर दरवाज़े से हो रही भर्तियों को लेकर नोटिस दिया है। इस प्रस्ताव को अस्वीकार करने की बात कही है। जिसपर विपक्ष सदन में नारेबाज़ी करना शुरू कर दिया। शोर शराबे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कर दिया। इधर प्रश्नकाल चलता रहा उधर विपक्ष के तरफ़ से नारेबाज़ी जारी रही ओर सदन से वाकआउट कर दिया। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के बेरोजगारों से इतना बड़ा खिलवाड़ किया जा रहा है।
जयराम बोले- नियम के अनुसार हो रही है प्रदेश में भर्ती
जयराम ठाकुर ने कहा है कि वह पिछले दिन से ही देख रहे हैं। उम्मीद की जा रही थी कि विपक्ष जिम्मेदारी से सार्थक चर्चा करेगा। मंगलवार को भी नियम 67 के तहत चर्चा मांगकर प्रश्नकाल को बाधित किया और वॉकआउट किया गया। बुधवार को भी सत्र चलने की उम्मीद थी। विपक्ष ने भी कई महत्वपूर्ण विषय उठाए थे। बुधवार को भी नोटिस दिया गया। प्रश्नकाल के दौरान व्यवधान डाला गया। वह इसकी कड़ी निंदा करते हैं। नियम 67 में बहुत महत्वपूर्ण विषय हो तो ही काम रोककर चर्चा होती है। गत वर्ष भी इन्होंने कोविड पर नियम 67 में प्रस्ताव दिया तो सरकार ने इस पर लंबी चर्चा करवाई थी। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जो भी भर्ती हो रही है, वह नियमानुसार हो रही है। इनको पूछा जाए कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कितनी भर्तियां हुई। आउटसोर्स के कर्मचारियों को पीटरहॉफ में एकत्रित कर मुकुट पहनाए गए। नीति बनाने की मांग की गई ,जो नहीं बनाई गई। विपक्ष के सदस्य सदन में बिल्कुल झूठ बोल रहे हैं। नियम 67 में नोटिस देने का अधिकार है, पर यह तय होना चाहिए कि इसे दिया जा सकता है कि नहीं। विपक्ष के नेताओं में नेतृत्व की होड़ लगी है। यह उसी का नतीजा है।