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संगठित अपराध विधेयक हिमाचल विधानसभा में पारित, जान लेने वाले चिट्टा तस्करों को मृत्युदंड का प्रावधान
Himachal Budget Session: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र (Himachal Vidhansabha budget session) के आखिरी दिन हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध विधेयक (Himachal Pradesh Organised Crime Bill) सदन में पारित कर दिया गया है। इस के तहत नशा तस्करी, अवैध खनन, वन कटान, वन्य जीवों की तस्करी, खतरनाक पदार्थों की डंपिंग, मानव अंगों की तस्करी, स्वास्थ्य विभाग में फर्जी बिल बनाने, झूठे क्लेम करने, खाने की वस्तुओं में मिलावट और मैच फिक्सिंग जैसे संगठित अपराध करने पर आजीवन कारावास या मृत्युदंड (Life imprisonment or death penalty )की सजा का प्रावधान है। आरोपी को 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी देना होगा, साथ ही नशे से कमाई की संपत्ति जब्त की जाएगी। विधानसभा के सदन पटल पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) की ओर ये विधेयक पेश किया। अब इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल (Governor)को भेजा जाएगा। जिसके बाद यह विधेयक कानून का रूप लेगा।
संगठित अपराध को उकसाने पर सजा
विधेयक के अनुसार, जो कोई संगठित अपराध के लिए उकसाता है, प्रयास करता है, षड्यंत्र रचता है, जानबूझकर उसे अंजाम देने में मदद करता है या संगठित अपराध की तैयारी के लिए किसी अन्य कार्य में संलग्न होता है, उसे कम से कम एक साल के कारावास से दंडित किया जाएगा। सजा आजीवन कारावास तक बढ़ाई जा सकती है। वहीं, पांच लाख तक के जुर्माने का भी प्रावधान रहेगा। कोई भी व्यक्ति जो संगठित अपराध गिरोह का सदस्य है, उसे कम से कम एक साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है। जो कोई जानबूझकर किसी ऐसे व्यक्ति को शरण देगा या छिपाएगा, जिसने संगठित अपराध का अपराध किया है, उसे कम से कम छह महीने के कारावास से दंडित किया जाएगा मगर सजा को आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकेगा। उसे बीस हजार रुपये से लेकर पांच लाख तक जुर्माना लगेगा। मगर यह उपधारा ऐसे किसी मामले में लागू नहीं होगी, जिसमें अपराधी के पति या पत्नी की ओर से शरण दी गई हो या छिपाया गया हो
कमीशन लेने पर एक साल से कम सजा
संगठित अपराध से कमीशन लेने की सूरत में आरोपी को एक वर्ष तक की जेल और 2 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा। यदि किसी संगठित अपराध सिंडिकेट के सदस्य की ओर से कोई व्यक्ति चल या अचल संपत्ति पर कब्जा करता है, जिसका वह संतोषजनक हिसाब नहीं दे पाएगा, तो उसे एक वर्ष से कम अवधि के कारावास से दंडित किया जाएगा। जिस व्यक्ति के पास ड्रग्स मिलेगी या खरीदेगा या फिर इसका परिवहन करेगा, उसे कम से कम 2 वर्ष और अधिकतम 14 वर्ष तक के कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा। उसे 20 हजार से लेकर अधिकतम 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगेगा।
सरकारी कर्मचारी को सजा और जुर्माना
किसी भी सरकारी कर्मचारी (लोक सेवक) के नशीले पदार्थों के साथ पकड़े जाने पर उसे तय सजा से डेढ़ गुणा सजा व इतना ही अधिक जुर्माना देना होगा।
संजू चौधरी