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पितृपक्ष को लेकर लोगों में यह गलत धारणा बनी हुई कि यह अशुभ समय होता है। इस दौरान कोई नई चीज नहीं खरीदनी चाहिए। इन दिनों नई चीज खरीदने से पितर नाराज होते हैं। ऐसी भी मान्यता है कि पितर पक्ष में खरीदी गई चीजें पितरों को समर्पित होती हैं जिसका उपयोग करना अनुचित है क्योंकि वह प्रेत का अंश होता है। पूर्वजों द्वारा किए गए त्याग के प्रति आदरपूर्वक कृतज्ञता निवेदित करना ही श्राद्ध कहलाता है। इन 16 दिन में अनैतिक, आपराधिक, अमानवीय और हर गलत कार्य से बचना चाहिए न कि शुभ और पवित्र कार्यों से। अत : इन 16 दिनों यह भ्रम त्याग देना चाहिए कि यह दिन अशुभ हैं। बल्कि यह दिन सामान्य दिनों से अधिक शुभ हैं क्योंकि हमारे पूर्वज हमारे साथ हैं, हमें देख रहे हैं।
लोगों की इस धारणा के कारण पितृ पक्ष में व्यापार की गति धीमी पड़ जाती है। जबकि शास्त्रों में कहीं भी इस प्रकार का उल्लेख नहीं मिलता है कि श्राद्ध पक्ष में खरीदारनी नहीं करनी चाहिए। पितृपक्ष के इन 16 दिन में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, उपनयन संस्कार, मुंडन, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं होते हैं। इतना ही नहीं, श्राद्ध पक्ष में नई वस्तुओं की खरीद को भी वर्जित किया गया है। इस मानते हैं कि इन 16 दिन में नया मकान, वाहन आदि का क्रय नहीं करना चहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 16 दिनों तक चलने वाला पितृ पक्ष श्राद्ध का मृत्यु से संबंध होता है, इसलिए श्राद्ध पक्ष को शुभ नहीं माना जाता है। जिस प्रकार हम अपने परिजनों की मृत्यु पर शोकाकुल रहते हैं, शुभ और मांगलिक कार्यों नहीं करते हैं, ठीक वैसे ही पितृ पक्ष में होता है।
श्राद्ध पक्ष को अशुभ मनाना उचित नहीं है क्योंकि श्राद्ध पक्ष गणेश चतुर्थी और नवरात्र के बीच आता है। हमारे समाज में यह बहुत बड़ी भ्रांति या गलतफहमी फैली हुई हैं की पितृपक्ष में शुभ कार्य या खरीददार नहीं करनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार किसी भी शुभ काम की शुरुआत से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। इस आधार पर देखा जाए तो श्राद्ध पक्ष अशुभ नहीं है। श्राद्ध पक्ष में पितर पृथ्वी पर आते हैं और वह देखते हैं कि उनकी संतान किस स्थिति में हैं। परिवार के पितर द्वारा उनकी संतान या वंशज द्वारा नई चीज खरीदने पर खुश होती है क्योंकि उन्हें पता चलता है कि उनकी संतान सुखी है।
पितर पक्ष में नई चीज खरीदना शुभ तब नहीं होता है जब आप नई चीजें खरीदते हैं और उसमें मस्त हो जाते हैं। अपनी खुशियों के साथ पितरों का ध्यान भी करें तो श्राद्ध पक्ष में खरीदारी करने में कोई बुराई नहीं है। नई कार, बाइक, घर, ज्वैलरी आदि हमारी उन्नति और खुशी देख हमारे पूर्वज भी जरूर खुश होंगे और श्राद्ध का असली मकसद पूरा होगा वहीं दूसरी ओर कंपनियों द्वारा इस मौके दिये जाने वाले ढेरों ऑफर्स से भी फायदा हो जाएगा।
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