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शिमला। संबंधित विभाग में नियमित करने की मांग को लेकर आउटसोर्स कर्मचारियों ने सीटू के बैनर तले शनिवार को शिमला डीसी ऑफिस के बाहर धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
सीटू नेता विजेंद्र मेहरा का कहना है कि आउटसोर्स कर्मचारियों नियमित करने के लिए सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है। पिछली सरकार भी इनको आश्वासन देती रही, लेकिन आधिकारिक रूप से कुछ नहीं किया। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार ने आउटसोर्सिंग पर रखे कर्मियों के लिए जल्द कोई ठोस नीति नहीं बनाई तो इसके खिलाफ आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
15 फरवरी 2018 तक ठेकेदार के माध्यम से आउटसोर्स के आधार पर लगभग 8731 कर्मी कार्यरत थे। इनमें से सरकारी विभागों में 5048 कर्मी नियुक्त किए हैं, जबकि बोर्डो में 2893 व निगमों में 790 कर्मी आउटसोर्स आधार पर नियुक्त किए गए हैं। आउटसोर्स कर्मियों के वेतन का कोई मानक फार्मूला निर्धारित नहीं है। गत तीन वर्षों में आउटसोर्स कर्मियों के लिए 225 करोड़ से ज्यादा की रकम ठेकेदार को दी गई। सरकार ने ठेकेदार के साथ कुछ मानक तय किए हैं। उसी के तहत ये कर्मी रखे गए हैं।
नाहन में सिरमौर सीटू इकाई ने डीसी को सौंपा ज्ञापन
नाहन। सीटू की जिला सिरमौर कमेटी ने आउटसोर्स कर्मियों की मांगों को लेकर डीसी सिरमौर के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा। इस मौके पर सीटू महासचिव राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि विभिन्न विभागों में हजारों की संख्या में आउटसोर्स कर्मी कार्य कर रहे हैं, लेकिन ठेकेदार व निजी कंपनियां ऐसे कर्मियों को न्यूनतम वेतन व श्रम कानूनों के अनुसार मिलने वाली सुविधाएं लागू नहीं कर रहे हैं। कई साल से सेवाओं में जुटे ऐसे कर्मियों को स्थायी अथवा अनुबंध के आधार पर लाने के लिए सरकार भी कोई नीति तैयार नहीं कर रही है। उन्होंने सीएम को भेजे ज्ञापन में मांग की कि सभी आउटसोर्स कर्मियों को स्थायी किया जाए।
हमीरपुर। प्रदेश सरकार के द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए कोई नियमितीकरण नहीं किए जाने के विरोध में सीटू कम्युनिस्ट पार्टी ने हमीरपुर में धरना प्रर्दशन किया। इस अवसर पर सीटू के राष्ट्रीय सचिव कश्मीर सिंह ठाकुर की अगवाई में बिजली विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार और उर्जा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों ने आउटसोस कर्मचारियों के लिए ठोस नीति बनाने की मांग। आउटसोर्स कर्मचारी 12 मार्च को शिमला मुख्यालय में भी प्रदेश स्तरीय धरना देने के लिए रणनीति बना रहे हैं।
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