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लेखराज धरटा/शिमला। बंजार हादसे के बाद निजी और सरकारी बसों में ओवरलोडिंग को लेकर की जा रही सख्ती आम जनता के लिए मुसीबत बन कर आई है। ओवरलोडिंग (overloading) का हवाला देकर बसों में ना बिठाए जाने के बाद लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। इससे परेशान लोगों को सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करना पड़ रहा है। वहीं, परिवहन मंत्री ने भी माना कि बंजार हादसे के बाद प्रदेश में ओवरलोडिंग को लेकर की जा रही सख्ती के बाद लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी है। उन्होंने इस परेशानी के लिए प्रदेश की जनता से खेद प्रकट करते हुए कहा कि विभाग को इतनी सख्ती बरतने के आदेश नहीं थे, बावजूद इसके पुलिस ने कुछ ज्यादा ही सख्ती बरती है।
इसी कड़ी में सीपीआईएम (CPIM) ने आम जनता की परेशानी को लपकते हुए सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। गुरुवार को सीपीआईएम ने शिमला में डीसी (DC) कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन कर एचआरटीसी और सरकार के खिलाफ ओवरलोडिंग के नाम पर तंग करने के आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया। सीपीआईएम नेता राकेश सिंघा के कहा कि एचआरटीसी में चालकों और परिचालकों की भारी कमी चल रही है, जिन्हें सरकार ने समय पर नहीं भरा है। बसों की संख्या भी बहुत कम है। इस वजह से लोगों को बसों में खड़ा होकर सफर करना पड़ता है और परेशानी उठानी पड़ती। सरकार अतिरिक्त बसों का प्रावधान करने के बजाय आम लोगों को तंग करने का काम कर रही है। इसे किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं स्कूली बच्चों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को अतिरिक्त स्कूल बसें चलानी चाहिए, जिससे ओवरलोडिंग पर भी लगाम लगेगी और लोगों को परेशानी भी कम होगी। सिंघा ने सरकार से ओवरलोडिंग को लेकर जल्द ठोस कदम न उठाए जाने पर जुलाई महीने में बड़ा आंदोलन (Agitation) छेड़ने की चेतावनी दी है।
उधर, परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने माना है कि बंजार हादसे के बाद प्रदेश में ओवरलोडिंग को लेकर की जा रही सख्ती के बाद लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी है। उन्होंने इस परेशानी के लिए प्रदेश की जनता से खेद प्रकट करते हुए कहा कि विभाग को इतनी सख्ती बरतने के आदेश नहीं थे, बावजूद इसके पुलिस ने कुछ ज्यादा ही सख्ती बरती है। इसके चलते लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी है। ओवरलोडिंग पर लगाम लगाने के लिए एचआरटीसी को बसों के अतिरिक्त ट्रिप लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जो बसें तकनीकी कारणों के चलते खड़ी पड़ी थीं, उन्हें भी दुरुस्त करके सड़कों पर उतारने का फैसला लिया है। इसके अतिरिक्त विभाग ने चालकों और परिचालकों की कमी को देखते हुए इनकी भर्ती करने का फैसला भी लिया है। इसकी प्रक्रिया चल रही है।
नाहन। सरकारी एवं निजी बसों में ओवरलोडिंग पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी पग उठाए जाएंगे और विशेषकर बसों की छत पर सवारियों को बिठाने वाले वाहन चालकों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस आश्य के आदेश डीसी सिरमौर ललित जैन ने यहां जिला परिषद भवन में परिवहन विभाग द्वारा आयोजित सिरमौर जिला के निजी बस ऑपरेटर्ज संघ की एक बैठक की अध्यक्षता के दौरान दिए गए। उन्होंने निजी बस ऑपरेटर्ज को निर्देश दिए कि सरकार के निर्धारित माप दंडों के अनुसार ही बसों में सवारियों को बिठाएं और ओवरलोडिंग करने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत संबंधित वाहन चालकों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सिरमौर जिला का अधिकांश क्षेत्र पहाड़ी है और पहाड़ी क्षेत्र में ओवरलोडिंग करना एक जोखिम भरा कार्य है।
कांगड़ा जिला में भी पुलिस ने ओवरलोडिंग पर सख्ती बरती हुई है। पुलिस ने करीब 13 चालान ओवरलोडिंग के किए हैं। वहीं, शराब पीकर वाहन चलाने के 2, मोबाइल प्रयोग के 4, बिना लाइसेंस के 35, तेज रफ्तार से वाहन चलाने के 8, बिना इंशोयरेंस के 15 चालान पुलिस ने काटे हैं।
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