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लंका दहन के साथ #Kullu_Dussehra संपन्न, भगवान रघुनाथ से विदाई लेकर देवी-देवता लौटे
लंका दहन के लिए रथयात्रा पशु मैदान के अंतिम छोर पर पहुंची, जिसके बाद माता हिंडिंबा व राज परिवार के सदस्यों ने ब्यास तट पर लंका दहन की परंपरा का निर्वहन किया।
#Kullu_Dussehra: अयोध्या की तर्ज पर हुई ढालपुर में देवी-देवताओं की पूजा
शाही अंदाज में निकाली गई जलेब में अधिष्ठाता भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह पालकी में सवार होकर निकले। आगे नरसिंह की घोड़ी और साथ में ढोल.नगाड़ों की थाप पर निकली
#Kullu_Dussehra उत्सव के दूसरे दिन शान से निकली भगवान नरसिंह की जलेब
कुल्लू। कोरोन काल में सूक्ष्म रूप से मनाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव (Dussehra festival) के दूसरे दिन शान से नरसिंह भगवान की जलेब (Lord Narasimha’s jaleb) निकली। जलेब के माध्यम से नरसिंह भगवान ने ढालपुर में रक्षा सूत्र बांधा। मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने प्राचीन परंपरा का निर्वहन किया। महेश्वर सिंह ने नरसिंह भगवान… Continue reading #Kullu_Dussehra उत्सव के दूसरे दिन शान से निकली भगवान नरसिंह की जलेब
ये झरना कर देता है “पागल”
परस राम भारती/ बंजार। हिमाचल प्रदेश का कुल्लू जिला (Kullu district of Himachal Pradesh) पर्यटन की दृष्टि से यहां की बर्फीली चोटियों, कल-कल करती नदियों, झर-झर करते झरनों, शान्त और सुरम्य झीलों, घने जंगलों, सुन्दर वादियों और दर्रों के लिए विख्यात है। जिला के उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी (Teerthan Valley of Banjar)भी कई नजारों… Continue reading ये झरना कर देता है “पागल”
ये है हिमाचल का हैरान कर देने वाला झरना, Video देखकर कोई भी चकरा जाए
गुशैनी से छोटे वाहन द्वारा 10 किलोमीटर तक सड़क मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है, और करीब 2 किलोमीटर तक पहाड़ी रास्ते से पैदल ट्रैकिंग करनी पड़ती है जिसमें आराम से डेढ़ घंटे का समय लगता है।
Kullu में बही बुजुर्ग, Mandi में महिला पर गिरा पत्थर
महिला को बहते हुए आसपास के लोगों ने देखा और बचाने की कोशिश की। करीब दो से अढ़ाई किलोमीटर दूर जाकर लोगों ने महिला को नदी से बाहर निकाला।
Banjar की इस पंचायत में आज तक नहीं पहुंची सड़क, पीठ पर उठाकर ले जाने पड़ते हैं मरीज
सैकड़ों लोग अभी तक सरकार व प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कब तक उनकी दहलीज तक भी सड़क पहुंच जाए। यहां के लोग अभी तक अपनी पीठ पर बोझ ढोने को मजबूर हैं।
कुछ ऐसी है पहाड़ की जिंदगी
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला की तीर्थन घाटी से। तीर्थन घाटी के दूर-दराज के गांव की बीमार चवेलू देवी को पालकी में कुछ इस तरह बिठाकर अस्पताल ले जाया गया। तस्वीर अपने आप में ही बहुत कुछ बयां कर रही है।
Hamirpur – 25 साल से कष्ट उठा रहे अब तो सड़क पक्की कर दो सरकार
आज हालात ये हैं कि कच्ची सड़क (unhealed road)पर वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल है। सबसे बड़ी दिक्कत बरसात के समय पेश आती है जब कच्ची सड़क पानी से भर जाती है।
सूरत-ए-हालः Himachal के इस गांव में ना तो सड़क बनी और ना ही स्वास्थ्य उपकेंद्र खुला
आज तक गरुली गांव में सड़क सुविधा नहीं पहुंच पाई है, जिस कारण स्कूली छात्रों, बीमार और बुजुर्ग व्यक्तियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।