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नहीं रहे पहाड़ी लोकगायक गिरधारी लाल वर्मा
Update: Wednesday, April 3, 2019 @ 5:36 PM
हमीरपुर। हिमाचली पहाड़ी गीतों के रचयिता और गायक गिरधारी लाल वर्मा का बुधवार को निधन हो गया। आज सुबह उन्हें करीब पांच बजे हार्ट अटैक हुआ। जिसके बाद उन्होंने इलाज के दौरान करीब 10 बजे अंतिम सांस ली।
गिरधारी लाल वर्मा (Girdhari Lal Verma) मूल रूप से
हमीरपुर (Hamirpur) ज़िला के गलोड क्षेत्र के रहने वाले थे, लेकिन व्यवसाय के चलते अब वह परिवार सहित हमीरपुर नगर में ही अपने मकान में रह रहे थे। 62 वर्षीय गिरधारी लाल वर्मा का जन्म 15 नवंबर, 1955 को हुआ था।
बताया जा रहा है कि आज हार्ट अटैक होने पर परिजन उन्हें मेडिकल कालेज अस्पताल हमीरपुर ले आए। लेकिन डाक्टरों ने उनकी गंभीर हालत के चलते उन्हें टांडा रेफ़र कर दिया। परिजन उन्हें गम्भीर हालत में पीजीआई चंडीगढ़ लेकर चले गए, लेकिन ऊना के पास पहुंचते ही क़रीब दस बजे गिरधारी लाल वर्मा ने अंतिम सांस ली। दिवंगत गिरधारी लाल वर्मा को संगीत की प्रेरणा श्री राम नाटक क्लब द्वारा की जाने वाली रामलीलाओं से मिली। बाद में उनके गाए लोकगीत आकाशवाणी शिमला और एफएम हमीरपुर पर भी गूंजना शुरू हो गये। उन्होंने लगभग 150 पहाड़ी गीत लिखे और उन्हें स्वयं ही इन्हें गाया। टी सीरिज़ के साथ मिल उनकी कई धार्मिक व पहाड़ी संगीत की एलबम निकली जिन्हें लोगों ने ख़ूब पसंद किया।