- Advertisement -
नई दिल्ली। भारत में कृषि कानूनों (Agricultural Laws) के लेकर महीनों से बवाल मचा हुआ है। इस बीच अब पाकिस्तान (Pakistan) भी भारत के अंदरूनी मामले में दखलअंदाजी करने लगा है। आए दिन पाकिस्तान सरकार के मंत्री (Pakistani Minister) भारत में चल रहे किसान आंदोलनों (Protest) को लेकर बयान देते रहते हैं, लेकिन पाकिस्तान के विदेश मामलों की संसदीय समिति (Pakistan Foreign Affairs Committee) ने कहा है कि वो भारत की तरफ से हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन (Human Rights Violation) के मुद्दे को अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाएगी।
इस्लामाबाद में पाकिस्तान के विदेश मामलों की संसदीय समिति की बैठक हुई थी। संसदीय समित की इस बैठक की अध्यक्षता सांसद मुशैद हुसैन सैय्यद द्वारा की गई थी। बताया जा रहा है कि ये मीटिंग करीब साढ़े तीन घंटे चली। इस मीटिंग में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी मौजूद थे। जानकारी के अनुसार विदेश मामलों की इस संसदीय समिति ने कहा है कि पाकिस्तान की सरकार सुनिश्चित करे कि आरएसएस को हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब किया जाए। यह भारत में अतिवाद की जड़ है।
इसके अलावा संसदीय समिति ने कहा कि 26 जनवरी को लाल किले पर सिख किसानों ने अपना पवित्र झंडा फहराया। यही नहीं, उनके प्रतिरोध का जरिया एक पाकिस्तानी गाना है। समिति ने कहा कि ये समिति सभी सिख किसानों के साथ है। समिति ने यह भी कहा कि आरएसएस के अतिवाद के हाथों जिन किसानों और अन्य समुदाय के लोगों की जानें गई हैं उनके परिवारों के प्रति हम संवेदनाएं जाहिर करते हैं। समिति ने कहा कि हम चाहते हैं कि पाकिस्तान सरकार भारत द्वारा किए जा रहे मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर मुद्दों को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद, यूरोपीय संसद और अमेरिकी सरकार के सामने उठाए।
- Advertisement -