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कोरोना संकट के बीच Pakistan श्रद्धालुओं के लिए फिर खोलेगा करतारपुर कॉरिडोर
Last Updated on June 27, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) का खतरा भारत समेत दुनिया के कई देशों में बरकरार है। पाकिस्तान में भी कोरोना वायरस के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसी बीच पाकिस्तान ने एक बार फिर करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) के द्वार खोलने का फैसला लिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi) ने इस बात की जानकारी अपने ट्विटर हैंडल पर दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- ‘पूरी दुनिया में धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया है इसलिए पाकिस्तान भी करतारपुर साहिब कॉरिडोर (Kartarpur Sahib Corridor) को खोलने की तैयारी कर रहा है और इस बात की जानकारी भारतीय पक्ष को भी दे दी गई है।’
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महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि पर खुलेगा करतारपुर कॉरिडोर
As places of worship open up across the world, Pakistan prepares to reopen the Kartarpur Sahib Corridor for all Sikh pilgrims, conveying to the Indian side our readiness to reopen the corridor on 29 June 2020, the occasion of the death anniversary of Maharaja Ranjeet Singh.
— Shah Mahmood Qureshi (@SMQureshiPTI) June 27, 2020
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi) ने लिखा- हम 29 जून को महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि के मौके पर इसे श्रद्धालुओं के लिए खोलने की तैयारी कर रहे हैं। गौर हो, इससे पहले अप्रैल महीने में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भारी-बारिश और तूफ़ान आने के कारण काफी तबाही मची थी लेकिन लॉक डाउन के चलते कोई जानी नुकसान नहीं हुआ था। हालांकि, इस सब के लिए पाकिस्तान पर इन गुंबदों के पुनर्निमाण में सीमेंट और लोहे के बजाय फाइबर का उपयोग किए जाने का आरोप लगा था। जिसके बाद मामले की जांच करवाने के आदेश दिए गए थे।
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1522 में सिखों के गुरु नानक देव ने की थी इसकी स्थापना
पाकिस्तान के नारोवाल जिले (Narowal District) में रावी नदी के पास स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब (Gurudwara kartarpur sahib) 500 साल से भी ज्यादा पुराना है। माना जाता है कि सन 1522 में सिखों के गुरु नानक देव ने इसकी स्थापना की थी। अपने जीवन के आखिरी पल उन्होंने यहीं बिताए थे। करतारपुर साहिब की दूरी लाहौर से 120 किलोमीटर तो गुरदासपुर इलाके में भारतीय सीमा से यह लगभग सात किलोमीटर दूर है। जानकारी के लिए बता दें, भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने संयुक्त रूप से गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक और पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारे को जोड़ने के लिए गलियारा बनाने का फैसला लिया था। 2018 में इसकी नींव रखी गई थी। भारत में 26 नवंबर और पाकिस्तान में 28 नवंबर को इसका शिलान्यास हुआ था। जिसके बाद गुरु नानक देव के प्रकाशोत्सव के मौके पर नौ नवंबर 2019 को इसे जनता के लिए शुरू किया गया था।