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पाक राजदूत ने #तक्षशिला को बताया ‘प्राचीन पाकिस्तान’ का हिस्सा, #Twitter पर खूब लगी क्लास
नई दिल्ली। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की तरफ से भारत को लेकर अक्सर ऐसी टिप्पणियां आती रहती हैं जो कहीं ना कहीं उन पर भी भारी पड़ जाती हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला सामने आया है, जो प्राचीन भारत के ऐतिहासिक तक्षशिला विश्वविद्यालय (Taxila University) से जुड़ा हुआ है। वियतनाम में पाकिस्तान के राजदूत कमर अब्बास खोकर ने प्राचीन भारत की शान माने जाने वाले तक्षशिला विश्वविद्यालय को ‘प्राचीन पाकिस्तान’ का हिस्सा बताया है। पाकिस्तानी राजदूत के इस चौंकाने वाले दावे के बाद ट्विटर (Twitter) पर उनकी लोगों ने जमकर क्लास ली। हालांकि, जिस अकाउंट से ट्वीट किया गया है, वो वेरिफाइड नहीं है, लेकिन यह ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है।
https://twitter.com/mqakhokhar/status/1338131075822878721
पाकिस्तानी राजदूत खोखर ने ट्वीट किया, ‘तक्षशिला विश्वविद्यालय की यह तस्वीर है जो फिर से बनाई गई है, यह यूनिवर्सिटी प्राचीन पाकिस्तान में आज से 2700 साल पहले इस्लामाबाद के पास मौजूद थी। इस विश्वविद्यालय में दुनिया के 16 देशों के छात्र 64 अलग-अलग विषयों में उच्चशिक्षा ग्रहण करते थे जिन्हें पाणिनी जैसे विद्वान पढ़ाते थे।’ एक अन्य ट्वीट में पाकिस्तानी राजदूत ने इस झूठे दावे के साथ आगे लिखा, ‘दुनिया के पहले भाषाविद् पाणिनी और दुनियाभर में बहुचर्चित राजनीतिक दार्शनिक चाणक्य दोनों ही प्राचीन पाकिस्तान के बेटे थे।’ इसके अलावा उन्होंने अपनी फर्जी बात को सच साबित करने के लिए दो वीडियो भी साझा किए।
Get a life pl! Stop borrowing identities! What is it? Pakistani civilisation?😂😂 Means you ack your forefathers were Hindus right? Pinch yourself out to reality mate! #AncientPakistan lololol!! https://t.co/77ZtNRTo6d
— हिमांशु शर्मा (Himanshu Sharma) (@hs_speaks) December 14, 2020
ट्वीट के वायरल होते ही राजदूत के इस दावे को लेकर ट्विटर पर लोगों ने उनकी क्लास लगाना शुरू कर दी है। कुछ ही देर में ट्विटर पर #ancientpakistan ट्रेंड करने लगा। एक यूजर ने राजदूत के ट्वीट पर जवाब दिया, ‘2700 साल पहले ना तो इस्लाम था और ना ही पाकिस्तान, प्राचीन पाकिस्तान की बात को छोड़ दीजिए। तक्षशिला शब्द उर्दू नहीं है और पाणिनी ब्राह्मण थे। यह पूरा हिस्सा भारतीय उपमहाद्वीप के अंदर था। मुझे हंसी आ रही है कि कैसे ये लोग अपने नागरिकों को पागल बनाते हैं।’
Hope you understood @mqakhokhar .#AncientPakistan😂 https://t.co/hiXri22Mex
— Ahmad Ali (@_official_ahmad) December 14, 2020
एक अन्य यूजर ने जवाब दिया, ‘उस समय कोई प्राचीन पाकिस्तान नहीं था। 14-15 अगस्त,1947 से पहले कोई पाकिस्तान नहीं था, 2700 साल पहले की बात तो रहने दीजिए। पाणिनी और चाणक्य ने तक्षशिला विश्वविद्यालय में पढ़ाया था।’ हालांकि इसे लेकर पाकिस्तानी राजदूत खोखर की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।