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शिमला। सुभाष पालेकर (Subhash Palekar) ने प्राकृतिक खेती पद्धति के तहत सेब-बागवानी कर रहे किसानों के बगीचों का निरीक्षण करने के लिए पद्मश्री सुभाष पालेकर ने ठियोग के मातली और कोटी क्षेत्रों का दौरा किया। प्राकृतिक खेती (Natural farming) खुशहाल किसान योजना के तहत आयोजित किए गए किसान-बागवान उत्कृष्ट मॉडल भ्रमण में हिमाचल के 9 जिलों सहित बाहरी राज्यों के 250 से अधिक किसान हिमाचल के दौरे पर हैं।
इस भ्रमक के दौरान इस खेती विधि के जनक सुभाष पालेकर (Shubhash Palekar) ने मातली गांव के बागवानी संदीप ठाकुर के प्राकृतिक खेती पर खडे़ किए मॉडल की सराहना की।
पालेकर ने मातली में पहुंचे प्रदेश के और बाहरी राज्यों के किसानों को इस बात की विस्तार से जानकारी दी कि किस प्रकार से बागवानी में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि से सेब (Apple) और अन्य फलों की फसलें प्राप्त की जा सकती हैं।
उन्होंने किसानों को पालेकर खेती विधि को पूरी तरह अपनाने के लिए कहा ताकि उन्हें किसी भी प्रकार के नुकसान से बचाया जा सके। पालेकर ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि इस क्षेत्र में देसी नस्ल की गायें बहुत अधिक मात्रा में हैं जो इस खेती विधि के लिए बेहद जरूरी हैं। दौरे के दौरान उत्तराखंड से आए 23 किसानों ने भी पालेकर से प्राकृतिक खेती की जानकारी ली।
किसानों ने सांझा किए अपने अनुभव
किसानों के लिए करवाए गए इस भ्रमण कार्यक्रम में एसपीएनएफ के तहत खेती कर रहे किसानों ने अन्य किसानों के सामने अपने अनुभवों को सांझा किया। मातली गांव के किसान संदीप शर्मा ने बताया कि उन्हें इस खेती विधि को अपनाए हुए एक वर्ष का समय हो चुका है और पहले ही वर्ष में इस खेती विधि के जो परिणाम उन्हें मिले हैं वे बहुत ही संतोषजनक हैं।
सरकारी नौकरी छोड़कर बागवानी को अपनाने वाले संदीप ने बताया कि पहले ही वर्ष में उनका मुनाफा बढ़ना शुरू हो गया है। वहीं मणिकर्ण से आए विजय सिंह ने बताया कि वे 18 बीघा क्षेत्र में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और इस खेती विधि में उनकी लागत बिल्कुल कम हो गई है और मुनाफा बढ़ गया है।
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