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हिमाचल के एक जिला में दीवारों पर चस्पा दिए हैं पोस्टर-पढ़ लेना वरना देना पड़ेगा जुर्माना
Last Updated on May 9, 2021 by saroj patrwal
ऊना। डीसी ऊना राघव शर्मा के निर्देश पर जिला की सभी 245 ग्राम पंचायतों (Panchayat) ने कोविड अनुरूप व्यवहार पर पंचायतवासियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। पंचायतों ने निर्देशों की प्रतियां सावर्जनिक स्थानों पर लगा दी हैं, ताकि सभी पंचायतवासी इन आदेशों से अवगत हो सकें। अवहेलना पर 1000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। निर्देशों के मुताबिक ग्राम पंचायत में घरों से बाहर निकलने पर सही ढंग से मास्क लगाना होगा। कोविड-19 के लक्षण (Symptoms of Covid-19) आने पर अनिवार्य रूप से टेस्ट करवाएंगे। संक्रमण से अत्याधिक प्रभावित राज्य पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात तथा कर्नाटक से आने वाले सभी व्यक्ति वापसी के बाद अलग कमरे में रहेंगे तथा अपना कोविड टेस्ट करवाएं। इसके अतिरिक्त कोविड संक्रमित मरीज आशा वर्कर की सलाह के अनुरूप घर के अंदर ही रहेंगे तथा दैनिक उपयोग की वस्तुओं के लिए वार्ड पंच से संपर्क करेंगे।
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जिला प्रशासन की अनुमति के बिना किसी भी प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा। अनुमति के साथ ही शादी व अंतिम संस्कार के कार्यक्रम अधिकतम 20 लोगों के साथ किए जा सकते हैं। गांव में किसी भी प्रकार के भोज, भंडारों, व जगरातों का आयोजन नहीं किया जाएगा। पंचायतों के प्रधान, उप-प्रधान तथा वार्ड पंच, पंचायतवासियों को निर्देश देने के लिए सक्षम होंगे तथा निर्देशों की अवहेलना करने पर 1000 रुपए जुर्माना (Fine) लगाने के लिए भी अधिकृत होंगे। ग्राम पंचायत भगड़ा के प्रधान स्वर्ण सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देशों पर पंचायत की ओर से यह निर्देश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही लोगों को इन निर्देशों की जानकारी प्रदान की जा रही है।
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मुच्छाली पंचायत के प्रधान विजय शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी के समय में सभी को इन निर्देशों की पालना करनी चाहिए, ताकि संक्रमण को आगे फैलने से बचाया जा सके। सभी पंचायतों के साथ सहयोग करें। इस संबंध में डीसी ऊना राघव शर्मा (DC Una Raghav Sharma) ने कहा कि पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 13 (ट) में ग्राम पंचायतों को महामारी के प्रसार को दूर करने और रोकने के आवश्यक कदम उठाने के लिए अधिकृत किया गया है। इन शक्तियों का प्रयोग करते हुए पंचायतों ने निर्देश पारित किए हैं, ताकि पंचायत में रहने वाले व्यक्तियों को महामारी के दौर में अपने दायित्व का पता चल सके, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में मदद मिल सके।