- Advertisement -
Panchayat Technical Assistants : धर्मशाला। प्रदेश पंचायती राज विभाग तकनीकी विंग बनाने जा रहा है, जबकि इस विंग में पंचायत तकनीकी सहायकों को शामिल करने की कोई योजना विभाग के पास नहीं है। नियमानुसार यदि तकनीकी विंग बनती है तो पंचायत तकनीकी सहायक इसमें शामिल किए जाने चाहिए, लेकिन विभाग का ऐसा कोई रुख नजर नहीं आ रहा है। प्रदेश सरकार की लगातार अनदेखी से आहत पंचायत तकनीकी सहायक सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने जा रहे हैं, जिसके लिए तकनीकी सहायकों ने 21 मई को बिलासपुर में बैठक निर्धारित की है। प्रदेश पंचायत तकनीकी सहायक संघर्ष मंच के प्रदेशाध्यक्ष भुवनेश कुमार ने बताया कि तकनीकी सहायकों को मनरेगा के पैसे से वेतन का भुगतान किया जा रहा है।
संघर्ष मंच ने उठाई आवाज, सरकार के खिलाफ बनेगी रणनीति
वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि कई ब्लॉकों में 6 से 8 माह से पंचायत तकनीकी सहायकों को वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि बैठक में विभाग से तकनीकी सहायकों की पोस्ट क्रिएट करने और इस वर्ग को वेतन का भुगतान मनरेगा के बजाय सरकार द्वारा किए जाने की मांग की जाएगी। उनका कहना है कि मनरेगा के तहत कार्य करने वाले मिस्त्रियों व मजदूरों को तो समय पर भुगतान कर दिया जाता है, लेकिन तकनीकी सहायकों को वेतन देने में आनाकानी व देरी की जाती है, जिससे इस वर्ग को परिवार चलाने में दिक्कतें पेश आ रही हैं।
भुवनेश ने बताया कि प्रदेश भर में तकनीकी सहायकों की संख्या 1042 से अधिक है। उन्होंने बताया कि मंच की मांगों को लेकर कई बार प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं, लेकिन हर बार आश्वासन के झुनझुने ही इस वर्ग को थमाए गए। आज तक एक भी मांग पर सरकार ने गंभीरता से विचार नहीं किया है,ऐसे में अब तकनीकी सहायकों को सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने को मजबूर होना पड़ रहा है। तकनीकी सहायक संघर्ष मंच का कहना है कि 26 मई से ग्राम रोजगार सेवकों ने भी हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है, क्योंकि रोजगार सेवकों की भी सरकार द्वारा अनदेखी की जा रही है। ऐसे में 21 मई की बैठक में मंच यह भी निर्णय लेगा कि ग्राम रोजगार सेवकों की हड़ताल का किस तरह समर्थन किया जाए और उन्हें राहत प्रदान करवाने के लिए क्या कदम उठाए जाएं।
- Advertisement -