- Advertisement -
मंडी। सरकाघाट उपमंडल के कठोगण गांव निवासी 23 वर्षीय पंकज ठाकुर भारतीय अर्द्ध सैनिक बल में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट चुने गए हैं। यूपीएससी की परीक्षा को सफलतापूर्वक उतीर्ण करने के बाद उन्हें इस पद के लिए चुना गया है। इससे पहले पंकज ने 6 बार एनडीए और सीडीएस की परीक्षा दी लेकिन हर बार पर्सनल इंटरव्यू से बाहर होना पड़ा। पंकज ने हार नहीं मानी और अपने दादा से मिली प्रेरणा पर आगे बढ़ते हुए अब अर्धसैनिक बल में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट कामयाबी हासिल की। पंकज के पिता जगदीश ठाकुर हिमाचल पुलिस में बतौर एएसआई कार्यरत हैं जबकि माता रीता देवी गृहिणी हैं।
बड़े भाई अनुपम ठाकुर भारतीय वायुसेना में गरूड़ कमांडो के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वर्ष 2018 में अनुपम ठाकुर जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा में तैनात थे और उस दौरान उन्होंने कई आतंकियों को मौत की नींद सुलाने का काम किया था। पंकज के चचेरे भाई मनोज ठाकुर हिमाचल पुलिस में बतौर हैड कांस्टेबल हैं। यह वही मनोज ठाकुर हैं जिनकी कविता ’’कश्मीर तो होगा लेकिन पाकिस्तान नहीं होगा’’ ने देश भर में वाहवाही बटोरी थी। पंकज के दादा भारतीय सेना से रिटायर हुए। उन्हें देखकर पंकज में भी देश सेवा का जज्वा बचपन से ही जाग गया था।
पंकज की प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल से ही हुई और उसके बाद उनका चयन सैनिक स्कूल सुजानपुर टीहरा के लिए हुआ। यहां से प्लस टू करने के बाद पंकज ने एमएलएसएम कालेज सुंदरनगर से बीएसई की। उपरांत इसके 6 बार एनडीए और सीडीएस की परीक्षा उतीर्ण की लेकिन हर बार पर्सनल इंटरव्यू से बाहर होना पड़ा। आखिरकार पंकज को सफलता मिली और अब उनका चयन भारतीय अर्द्धसैनिक बल में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट हुआ है। पंकज की इस कामयाबी से न सिर्फ घर में बल्कि गांव में भी उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है। पंकज और उसके परिवार को बधाई देने वालों का घर पर तांता लगा हुआ है।
- Advertisement -